मानसून इस बार रुकने का रिकॉर्ड बनाएगा विदा होने के असार नहीं ला नीना से रिकॉर्ड सर्दी
लगातार बारिश हो रही है। सितंबर माह के 13 दिन बीत चुके हैं।लेकिन फिर भी यूपी के कई जिलों में वारिश जानलेवा बनी हुई है।मौसम के वैज्ञानिक,प्रकृति के इस बदलाव को देखकर हैरान हैं।उनको मानसून के विदा होने के आसार नहीं दिख रहे। ला नीना से रिकॉर्ड शादी पड़ेगी
मानसून इस बार रुकने का रिकॉर्ड बनाएगा विदा होने के असार नहीं ला नीना से रिकॉर्ड सर्दी
Monsoon will make a record of stay this time, there is no sign of departure, record cold due to La Nina.Vishva Bharti : Ayush Pandey : UP: Lucknow : लगातार बारिश हो रही है।सितंबर माह के 13 दिन बीत चुके हैं।लेकिन फिर भी यूपी के कई जिलों में वारिश जानलेवा बनी हुई है।मौसम के वैज्ञानिक,प्रकृति के इस बदलाव को देखकर हैरान हैं।उनको मानसून के विदा होने के आसार नहीं दिख रहे।प्रत्येक वर्ष एक सितंबर से शुरू हुई मानसून की विदाई 25 सितंबर तक पूरे देश में पूरी हो जाती थी।परंतु इस बार अनुमान लगाया गया है कि, मानसून 25 अक्टूबर के बाद विदा होगा।इसका मतलब मानसून विदाई का रिकॉर्ड बना लेगा।कानपुर के मौसम वैज्ञानिक बता रहे हैं कि,2021 में यही मानसून छः अक्टूबर तक विदा हुआ था। यही 2022 में 20 सितंबर,एवं 2023 में मानसून की विदाई 25 सितंबर तक हुई थी
मानसून इस बार रुकने का रिकॉर्ड बनाएगा विदा होने के असार नहीं ला नीना से रिकॉर्ड सर्दी
मानसून इस बार रुकने का रिकॉर्ड बनाएगा, बारिश का तौर तरीका इस बार पूरी तरह से बदल चुका है।अधिकतर जगहों पर छोटे-छोटे टुकड़ों में बारिश हुई है।बादलों के छोटे-छोटे टुकड़ों,सामान्य आकार लेने में 100 किलोमीटर की तुलना में आधा ही हुआ है। जिससे घर्षण कम हो गया।इसी के चलते बादलों की गर्जना भी घटी है।जलवायु परिवर्तन के कारण यह बदलाव हो रहा है।
मौसम वैज्ञानिकों का रिसर्च है कि,इस बार मानसून देर तक बने रहने की मूल वजह,’यागी’ तूफान का आना है।असल में मानसून की वापसी में देरी की शुरुआत 2017 से ही हो गई थी।जो अबकी बार,उसका यह बढ़ता हुआ रूप है।पिछले वर्ष 25 सितंबर को मानसून बड़ी धीमी गति से वापसी करना शुरू किया था। दिल्ली में तो इसकी वापसी,अक्टूबर के पहले हफ्ते से शुरू हुई थी।जिसे उस समय 2 सितंबर को शुरू होना चाहिए था।उस समय पूरे देश से मानसून जाते-जाते,19 अक्टूबर तक का समय ले लिया था।
मानसून वापसी के लक्षण कैसे करता है वापसी
मौसम वैज्ञानिक बताते हैं कि,मानसून वापसी होने के कुछ मानक निर्धारित हैं । जैसे कि लगातार पांच दिनों तक बारिश की सभी गतिविधियों को बंद हो जाना चाहिए। निचले वायुमंडल में 5000 फीट तक एंटीसाइक्लोन (वायुमंडलीय उच्च दबाव क्षेत्र) का बन जाना। वातावरण में नमी की कमी दिखनी शुरू हो जाना।भारत का आईएमडी मानसून के सभी पहलुओं का अध्ययन करने के उपरांत इसके वापस जाने की घोषणा करता है।जो लक्षण अभी तक उसे नहीं दिखाई पड़ रहे हैं।
ला नीना तूफान अभी तटस्थ बना हुआ है बड़ी सर्दी पड़ेगी
मौसम विशेषज्ञ बताते हैं कि ला नीना अभी तक तटस्थ बना हुआ है।यह सर्दी बढ़ने के संकेत दे रहे हैं।विश्व मौसम विज्ञान संगठन ने चेतावनी दी है कि,अक्टूबर 2024 से फरवरी 2025 तक इसकी संभावना ज्यादा है कि,ला नीना की प्रबलता 60 प्रतिशत तक बढ़ सकती है।इस बीच अलनीनो के दोबारा मजबूत होने की उम्मीद बिल्कुल शून्य है।
सीएसएविश्वविद्यालय,के मौसम वैज्ञानिक डॉक्टर एसएन सुनील पांडे मैं बताया कि, मानसून की वापसी के संकेत अभी बिल्कुल नहीं मिल रहे।लेकिन तिब्बती एंटीसाइक्लोन के कमजोर होने से,मानसून उत्तर भारत की तरफ जा रहा है।उत्तर भारत में पश्चिमी हवाओं ने अपना प्रभाव बढ़ाना शुरू कर दिया है।मानसून के पूरी तरह से 25 अक्टूबर तक विदा होने की संभावना है।जो अब तक की रिकॉर्ड देरी होगी।
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