- जय श्रीराम से शुरू हुई मोदी-ओली की मुलाकात, भारत-नेपाल रिश्तों में दिखा नया भरोसा
- बिम्सटेक समिट के दौरान दोनों प्रधानमंत्रियों ने आपसी सहयोग और सांस्कृतिक रिश्तों को मजबूत करने पर जताई सहमति, नेपाली पीएम ने ‘जय श्रीराम’ कहकर किया अभिवादन
विजय कुमार पटेल : नई दिल्ली। भारत और नेपाल के रिश्तों में लंबे समय से खटास की खबरें आती रही हैं, लेकिन बैंकॉक में हुई एक मुलाकात ने दोनों देशों के बीच रिश्तों में सुधार की उम्मीदें जगा दी हैं। थाईलैंड में आयोजित बिम्सटेक सम्मेलन के समापन पर जब भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली आमने-सामने हुए, तो माहौल बिल्कुल बदला-बदला नजर आया। खास बात यह रही कि पीएम ओली ने मोदी को “जय श्रीराम” कहकर अभिवादन किया, जिससे मुलाकात की गर्मजोशी और गहराई दोनों साफ नजर आई।
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बैंकॉक में आयोजित BIMSTEC (बंगाल की खाड़ी बहुक्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग) शिखर सम्मेलन के समापन के बाद भारत और नेपाल के प्रधानमंत्रियों की एक अहम बैठक हुई। इस मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं ने भारत-नेपाल के बीच पुराने ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक रिश्तों को फिर से मजबूत करने की प्रतिबद्धता जताई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बातचीत को “सार्थक और भविष्य की दिशा में सहायक” बताया। उन्होंने कहा कि भारत की “पड़ोसी प्रथम” नीति के तहत नेपाल एक महत्वपूर्ण भागीदार है। इस दौरान ऊर्जा, व्यापार, भौतिक और डिजिटल कनेक्टिविटी जैसे मुद्दों पर सकारात्मक चर्चा हुई।
लेकिन जो बात सबसे ज्यादा चर्चा में रही, वो थी नेपाली प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली का अभिवादन — “जय श्रीराम”। यह अभिवादन सिर्फ एक धार्मिक संबोधन नहीं था, बल्कि दोनों देशों की साझा सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक भी बना।
नेकपा (एमाले) महासचिव की प्रतिक्रिया
नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एमाले) के महासचिव शंकर पोखरेल ने इस मुलाकात पर उत्साह जताते हुए सोशल मीडिया पर लिखा कि “भारत और नेपाल के प्रधानमंत्रियों के बीच बातचीत ने यह साबित कर दिया कि अगर राजनीतिक इच्छाशक्ति मजबूत हो, तो रिश्तों को फिर से बेहतर किया जा सकता है। पड़ोसी देशों के बीच विश्वास, सहयोग और समझ ही क्षेत्रीय शांति और आर्थिक समृद्धि का रास्ता है।”

जानिए किन बिंदुओं पर हुई चर्चा
- भारत-नेपाल के बीच ऊर्जा सहयोग और बिजली व्यापार पर सहमति।
- भौतिक और डिजिटल कनेक्टिविटी को बढ़ाने की चर्चा।
- साझा सांस्कृतिक मूल्यों और धार्मिक विरासत को मान्यता।
- “जय श्रीराम” से अभिवादन कर रिश्तों में गर्मजोशी का संदेश।
- भविष्य में और गहरे सहयोग की संभावनाओं पर बातचीत
भारत और नेपाल की यह मुलाकात ऐसे समय पर हुई है जब दोनों देशों के बीच संबंधों को लेकर कई सवाल उठ रहे थे। “जय श्रीराम” से शुरू हुई यह बातचीत अब एक नई शुरुआत का संकेत दे रही है। उम्मीद की जा सकती है कि ये दोनों देश आने वाले समय में अपने रिश्तों को नई ऊंचाइयों तक ले जाएंगे।
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