- बिहार दिवस पर गंगा की रेत पर उभरा ‘बिहार के अनमोल स्वाद’
- मशहूर सैंड आर्टिस्ट मधुरेंद्र की कलाकृति बनी आकर्षण का केंद्र, मुख्यमंत्री ने की सराहना
रिपोर्ट : अमित कुमार : पटना : बिहार। बिहार के गौरवशाली 113 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में राजधानी पटना के गांधी मैदान में 22 से 25 मार्च तक बिहार दिवस समारोह का भव्य आयोजन किया जा रहा है। इस अवसर पर अंतरराष्ट्रीय सैंड आर्टिस्ट मधुरेंद्र कुमार की रेत पर उकेरी गई अनूठी कलाकृति ने सबका ध्यान अपनी ओर खींच लिया। 20 टन रेत से बनी यह कलाकृति बिहार के अनमोल स्वाद को समर्पित थी, जिसमें जर्दालू आम, मगही पान, शाही लीची, मिर्चा धान, मिथिला मखाना और कतरनी चावल जैसी प्रसिद्ध कृषि उपज को उकेरा गया था।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी इस शानदार कृति की सराहना करते हुए कहा, “वाह मधुरेंद्र! कमाल कर दिया। आपकी कलाकारी देश-दुनिया को जागरूक करती है और हम सभी बिहारवासियों को गर्व महसूस कराती है।”
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12 घंटे की मेहनत से बनी 10 फीट ऊंची कलाकृति

चंपारण से ताल्लुक रखने वाले सैंड आर्टिस्ट मधुरेंद्र कुमार ने 12 घंटे की कड़ी मेहनत के बाद 20 टन रेत पर 10 फीट ऊंची कलाकृति तैयार की। इस रेत कला में बिहार के उन उत्पादों को उकेरा गया जिन्हें GI (Geographical Indication) टैग मिला है। इस आकर्षक कला को देखने के लिए लोग बड़ी संख्या में पहुंचे और सोशल मीडिया पर इसकी तस्वीरें और सेल्फी शेयर करने लगे, जिससे यह तेजी से वायरल हो गई।
मुख्यमंत्री ने की खुले मंच से तारीफ
बिहार दिवस के उद्घाटन सत्र के दौरान जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विभिन्न विभागों की प्रदर्शनियों का अवलोकन कर रहे थे, तब उनकी नजर कृषि विभाग के मुख्य द्वार के पास मधुरेंद्र की कलाकृति पर पड़ी। उन्होंने मंच से ही कलाकार की प्रशंसा करते हुए कहा कि “आपकी कला बिहार के किसानों की मेहनत को सम्मान देने का एक बेहतरीन तरीका है। हम सभी बिहारवासी इस पर गर्व करते हैं।”
बिहार के किसानों को सम्मान
मधुरेंद्र कुमार ने इस अनोखी रेत कला के जरिए बिहार सरकार के कृषि विभाग और किसानों को सम्मान दिया, जो अपने पारंपरिक उत्पादों को देश-विदेश में पहचान दिला रहे हैं। उन्होंने कहा कि “बिहार के अनमोल स्वाद” सिर्फ खानपान ही नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति और परंपरा की पहचान भी हैं।”
बिहार से अंतरराष्ट्रीय मंच तक मधुरेंद्र का सफर
मधुरेंद्र कुमार अपनी सैंड आर्ट के जरिए देश और विदेश में अपनी खास पहचान बना चुके हैं। उनकी कलाकृतियां महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटनाओं, सामाजिक मुद्दों और प्राकृतिक आपदाओं को दर्शाने के लिए जानी जाती हैं। वे अपनी कला के माध्यम से समाज को जागरूक करने और संदेश देने का काम करते हैं।
बिहार दिवस समारोह में उमड़ी भीड़

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