- देश की सबसे बड़ी कंस्ट्रक्शन कंपनी अंसल API दिवालिया घोषित, निवेशकों के खरबों रुपये फंसे
- 83 करोड़ रुपये का जुर्माना भरकर अंसल ग्रुप हुआ आज़ाद!
आयुष पाण्डेय : लखनऊ। भारत की जानी-मानी रियल एस्टेट और कंस्ट्रक्शन कंपनी अंसल API (Ansal Properties & Infrastructure Ltd.) को दिवालिया घोषित कर दिया गया है। इस फैसले के बाद हजारों निवेशकों का पैसा अधर में लटक गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कंपनी पर हजारों करोड़ रुपये की देनदारी थी, लेकिन महज 83 करोड़ रुपये का जुर्माना भरकर अंसल ग्रुप कानूनी पचड़े से बाहर निकल गया।
हजारों निवेशकों का पैसा और भरोसा डूबा

कई लोगों ने अपने जीवनभर की बचत लगाकर अंसल API की प्रॉपर्टीज खरीदी थीं, लेकिन अब उन्हें ना तो पजेशन मिल रहा है और ना ही उनका पैसा लौटाने की कोई गारंटी बची है।
जानिए कैसे हुआ दिवालिया?
विशेषज्ञों के मुताबिक, अंसल API पर कर्ज का बोझ लगातार बढ़ता जा रहा था। कंपनी के कई प्रोजेक्ट्स समय पर पूरे नहीं हुए, जिससे ग्राहकों और निवेशकों का भरोसा डगमगाने लगा। इसके अलावा, रियल एस्टेट सेक्टर में मंदी और कर्ज की देनदारी बढ़ने के कारण अंसल API को राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (NCLT) द्वारा दिवालिया घोषित कर दिया गया।
महज 83 करोड़ देकर बच गया अंसल ग्रुप!
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि अंसल ग्रुप को इस बड़े आर्थिक घोटाले से बचने के लिए सिर्फ 83 करोड़ रुपये का जुर्माना भरना पड़ा। निवेशकों का कहना है कि जब कंपनी पर हजारों करोड़ रुपये की देनदारी थी, तो सिर्फ 83 करोड़ का जुर्माना काफी नहीं है।
सिर्फ यही सवाल कि अब क्या होगा?
- – जिन लोगों ने अंसल API की प्रॉपर्टीज खरीदी थीं, उन्हें अब कानूनी रास्ते अपनाने पड़ सकते हैं।
- – कई प्रोजेक्ट्स अधूरे रह गए हैं, जिससे ग्राहकों को पजेशन मिलने की संभावना नहीं दिख रही।
- – रियल एस्टेट सेक्टर के जानकारों का कहना है कि निवेशकों के लिए अपने पैसे की वापसी की उम्मीद बेहद कम है।
सरकार की चुप्पी पर उठे सवाल
इस पूरे मामले में सरकार की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। निवेशकों का कहना है कि सरकार और रेगुलेटरी बॉडीज़ को दिवालिया होने से पहले अंसल API पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए थी। लेकिन अब जब कंपनी दिवालिया हो चुकी है, तो आम जनता के पास कोई ठोस उपाय नहीं बचा है।
गौरतलब हो कि अंसल API के दिवालिया होने से यह साफ हो गया है कि रियल एस्टेट सेक्टर में बड़े घोटाले अब आम होते जा रहे हैं। निवेशकों को चाहिए कि वे किसी भी प्रॉपर्टी में पैसा लगाने से पहले पूरी जांच-पड़ताल करें।