गुब्बारे से तीन साल की बच्ची की जान चली गई खेलते खेलते थम गईं सांसे 

प्रयागराज में गुब्बारा खेलने से तीन साल की बच्ची की जान चली गई।खेलते खेलते उसकी सांसे थम गईं।बच्ची ने जब गुब्बारा फुलाया तो वह मुँह मे फट गया। उसका कुछ टुकड़ा बच्ची के गले में फंस गया। जिससे वह सांस नहीं ले सकी और उसकी मृत्यु हो गई।

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गुब्बारे से तीन साल की बच्ची की जान चली गई खेलते खेलते थम गईं सांसे

Three year old girl lost her life due to balloon and stopped breathing while playing.Vishva Bharti : Vijay Kumar Patel : UP : Prayagraj : यूपी मे प्रयागराज के लाल गोपालगंज मे, गुब्बारे से खेल रही एक बालिका के लिए उसके जीवन को खतरनाक साबित हुआ। गुब्बारा फुलाने के समय मुंह में ही फट गया।उसका कुछ टुकड़ा बच्ची के गले में फंस गया।इससे बच्ची सांस नहीं ले सकी,और उसकी तबीयत बिगड़ने लगी।परिवार के लोग उसे अस्पताल लेकर गए,लेकिन उसको बचाया नहीं जा सका। थाना नवाबगंज क्षेत्र में लालगोपालगंज कस्बे के इमामगंज मोहल्ले में बुधवार की दोपहर में,बच्ची के गुब्बारा खेलते समय यह घटना हुई।

गुब्बारे से तीन साल की बच्ची की जान चली गई खेलते खेलते थम गईं सांसे

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गुब्बारे से तीन साल की बच्ची की जान चली गई,आपको बता दे कि उतरांव थाना क्षेत्र में फतूहा के रहने वाले इमरान की शादी गोपालगंज के मोहल्ला इमामगंज में रईस अहमद की पुत्री से हुई थी।इमरान की पत्नी नाजरीन बानो अपनी तीन वर्ष की बेटी शाहरीन को लेकर मायके आई हुई थीं। सूत्रों के अनुसार बुधवार दोपहर में उनकी बेटी शहरीन कई बच्चों के साथ गुब्बारा खेल रही थी।शहरीन जब गुब्बारा फुलाने लगी तो वह फट गया,और उसका कुछ टुकड़ा उसके मुंह में रह गया।जो उसके गले में फंस गया।तबीयत बिगड़ने पर उसे ननिहाल के लोग,उपचार के लिए डॉक्टर के पास लेकर गए। वहां उसको जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया।

उसके परिजन बच्ची शहरीन को लेकर प्रयागराज मेडिकल कॉलेज जा रहे थे,लेकिन रास्ते में ही बच्ची की सांसे थम गईं।फिर परिवार के लोग बेटी के शव को लेकर फतूहा उतरांव वापस चले गए।बच्ची की मौत से उसके ननिहाल और उसके घर में रोना धोना मचा है।

गहरी सांस लेते समय श्वास नली में फंस गया गुब्बारा

लालगोपालगंज के इमामगंज मोहल्ले मे बुधवार की दोपहर को तीन साल की बच्ची की, स्वांस नली मे गुब्बारे का टुकड़ा फंस जाने से तीन साल की बच्ची की मृत्यु हो गई। डॉक्टर ने बताया कि यदि समय रहते उसका इलाज हो जाता,तो उसकी जान बचाई जा सकती थी। डॉक्टर ने कहा ऐसी घटनाएं छोटे बच्चों के साथ अक्सर होती रहती हैं। उनके गले में जब कोई छोटी चीज अचानक फंस जाती है,तो उनके लिए यह जानलेवा साबित होती है।

यूनाइटेड मेडिसिटी के प्राचार्य एवं ईएनटी विशेषज्ञ डॉक्टर मंगल सिंह ने कहा कि,गुब्बारे को फुलाने पर गहरी सांस लेनी पड़ती है। इस स्थिति में कभी-कभी गुब्बारा फट जाता है। इससे उसका ऊपरी भाग जिसमें हवा फूंकी जाती है।उसका टुकड़ा गले में स्वांस नली में जाकर फंस जाता है ऐसे कई केस अस्पताल में आते रहते हैं।

ईएनटी विशेषज्ञ डॉक्टर एलएस ओझा ने बताया कि छोटे बच्चों के गले में कभी-कभी कोई चीज फंस जाती है।तो वह खखार नहीं ले पाते।गुब्बारा फटने पर उसका कुछ टुकड़ा बच्चों के स्वांस नली की भीतरी सतह पर पहुंचकर चिपक जाती है। इसको फॉरेन बॉडी ट्रैकिया कहा जाता है।इस समस्या के होने पर पीड़ित को तत्काल ईएनटी डॉक्टर के पास लेकर पहुंचना चाहिए।

छोटे-छोटे बच्चों को अनाज धातु आदि खेलने से रोक देना चाहिए

ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. आशुतोष राय ने कहा कि छोटे बच्चों में किसी भी वस्तु को अचानक मुंह में रख लेने की आदत रहती है। गुब्बारा फुलाने से बच्ची गुब्बारे के ऊपरी भाग को अपने मुंह में दबाकर रखी थी।ऐसे में जब गुब्बारा फटा तो वह अचानक सांस लेने से अंदर चला गया होगा। गुब्बारे का टूटा हुआ भाग पतला होता है। इसी से छोटे बच्चों को राजमा,चना,छोटे बालू,सरसों,सिक्के,आदि की पहुंच से उनको दूर रखना चाहिए।

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