इस वर्ष 2024 में दीपावली दो दिन 31 अक्टूबर और 1 नवंबर पूजन मुहूर्त और पूजा विधि देखें

दीपावली की तारीख को लेकर इस वर्ष 2024 में पैदा हुए संसय पर ज्योतिष आचार्य के अनुसार रोशनी का यह पर्व दो दिन मनाया जा सकता है। कार्तिक मास की अमावस्या 31 अक्टूबर और 1 नवंबर को 2 दिन दीपावली रहेगी। आगरा के ज्योतिषी पंडित सुभाष शास्त्री ने दीपावली मनाने के लिए दो दिन के मुहूर्त की जानकारी दी है।

0 58

इस वर्ष 2024 में दीपावली दो दिन 31 अक्टूबर और 1 नवंबर पूजन मुहूर्त और पूजा विधि देखें

This year 2024, Diwali will be held for two days, 31st October and 1st November, see the puja auspicious time and puja method.Vishva Bharti Editor Pic : Akhilesh Rai : New Delhi Desk : Lucknow : आज दीपावली मनाई जाएगी इसमें प्रथम पूज्य देव गणपति,ज्ञान की देवी सरस्वती,और धन की देवी लक्ष्मी की पूजा होती है।इस वर्ष 2024 में दीपावली दो दिन 31 अक्टूबर और एक नवंबर को मनाई जाएगी।दीपावली का पर्व मनाने के लिए होने वाली सरकारी कार्यालय और अन्य सार्वजनिक जगहों पर इसके लिए 31 अक्टूबर को अवकाश घोषित हुआ है। जबकि ज्योतिष आचार्य का एक वर्ग इसे एक नवंबर को मनाने के लिए अपना तर्क बता रहा है।इस प्रकार अब दो दिन दीपावली मनाई जाएगी। वहीं बुधवार को दिन में धनतेरस पर खरीदारी की जाएगी। शाम को रूप चौदस या नरक चौदस का पर्व भी मनाया जाएगा।

इस वर्ष 2024 में दीपावली दो दिन 31 अक्टूबर और 1 नवंबर पूजन मुहूर्त और पूजा विधि देखें

यह भी पढ़ें : छोटी सी चूक और मेरठ की दंपति के खाते से निकल गए 3.10 करोड़ मोटी कमाई का झांसा देकर की ठगी 

प्रदेश की योगी सरकार ने अमावस्या की तिथि पर भ्रम की वजह से दीपावली पर अवकाश 31 अक्टूबर और 1 नवंबर दोनों दिन के लिए घोषित किया है।आगरा के पंडित सुभाष शास्त्री ने जानकारी देते हुए बताया कि एक नवंबर को सूर्यास्त शाम 4:40 तक है। वहीं अमावस्या 6:17 तक है।जो शुद्ध प्रदोष काल माना जाएगा। इस प्रकार एक नवंबर को दीपावली मनाई जाएगी।

वहीं ज्योतिषाचार्य अनीता पाराशर ने कहा कि कार्तिक मास की अमावस्या तिथि 31 अक्टूबर को दोपहर में 3:53 से प्रारंभ हो जाएगी। जो एक नवंबर शाम 6:17 तक बनी रहेगी।यह तिथि एक नवंबर को शाम 6:17 तक रहेगी। ज्योतिषाचार्य का एक बड़ा वर्ग का कहना है कि दो दिन अमावस्या होने के कारण दोनों दिनों में से किसी भी दिन दीपावली को मनाया जा सकता है।वैसे पूरे भारत में अधिकतर लोग गुरुवार यानी 31 अक्टूबर को ही दीपावली का पर्व मना रहे हैं।

लक्ष्मी गणेश का पूजन इस तरह से करें

सायं काल में शुभ मुहूर्त में ईसान कोण में चौक पर रंगोली बनाकर उस पर पूजा की चौकी रखें। इसके बाद उस पर पीले या लाल रंग का कपड़ा बिछा कर गणेश,लक्ष्मी देवी,सरस्वती की प्रतिमा को स्थापित कर दें।पूजा की चौकी पर गणेश जी के सामने दाहिनी तरफ नवग्रह की स्थापना करें। उसी के नजदीक जल से भरा हुआ कलश रखें।कलश के भीतर सिक्के, कौड़ियां,सुपारी,और गंगाजल डालें।इसके बाद कलश पर रौली से स्वास्तिक का चिन्ह बनाएं। और उस पर मौली लपेट दें।

यहां कलश के मुख पर आम के पत्ते लगाकर मिट्टी के बड़े दिए से उसे ढक दें।दीपक में चावल डालें,और लाल कपड़े से जटा नारियल को लपेटकर वहां रख दें। मां लक्ष्मी के सामने लाल कपड़े की थैली में पांच गोमती चक्र,पांच कौड़ी पांच या तीन हल्दी की गांठे उसमें रखें। जब पूजन समाप्त कर लें तो वहां से पोटली को उठाकर तिजोरी या लाकर में लाकर रख लें।

आपको बता दें कि मां लक्ष्मी और प्रथम पूज्य गणपति व धन के देवता कुबेर की विधवत पूजा फूल,फल, पांचो मेवा,बतासे,खीर,खिलौने इत्यादि से करें।वहीं भगवान के सामने 11, 21, या 51 दीपक प्रज्वलित करें,और अपनी गलतियों के लिए उनसे क्षमा की प्रार्थना करें।

यह भी पढ़ें : छोटी सी चूक और मेरठ की दंपति के खाते से निकल गए 3.10 करोड़ मोटी कमाई का झांसा देकर की ठगी 

YOU MOST READ 

1  पटाखों से उत्सव मनाने के बीच आधी रात के करीब 150 से अधिक लोग घायल आठ की हालत गंभीर

2  11 साल का बनवास खत्म करने दिल्ली में कांग्रेस ने शुरू की न्याय यात्रा यह भारत जोड़ो यात्रा जैसी

3  निकाह में छुहारा लूटने की ऐसी होड़ मची कि घरातियों और बारातियों में खूब चलीं कुर्सियां

4  गर्भवती को ऑफिस में ड्यूटी के बीच दर्द उठने पर छुट्टी ना मिलने से पेट में पल रहे बच्चे की मौत

5  यूपी में पहले गमला चोरी अब लग्जरी कार से बकरियां चोरी करता हुआ युवक पकड़ा गया

Get real time updates directly on you device, subscribe now.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. AcceptRead More