कटीले तारों की बाड़ में फंस गया तेंदुआ 5 घंटे की कड़ी मेहनत के बाद बची उसकी जान
सहारनपुर के शिवालिक जंगल से निकल कर तेंदुआ रिहायशी क्षेत्र में पहुंच गया।यहां वह शेरपुर पेलो के निकट एक निजी फार्म के कटीले तारों की बाड़ में आकर फंस गया।वन और वाइल्डलाइफ की टीम ने पांच घंटे की कड़ी मेहनत के बाद उसे बचाया।
कटीले तारों की बाड़ में फंस गया तेंदुआ 5 घंटे की कड़ी मेहनत के बाद बची उसकी जान
Leopard got stuck in barbed wire fence, its life was saved after 5 hours of hard work.Vishva Bharti : Pundrik PK Pandey : UP : Saharanpur : यूपी के सहारनपुर में शिवालिक के जंगल से निकल कर तेंदुआ रिहायशी क्षेत्र में पहुंच गया। यहां वह शेरपुर पेलो गांव के निकट एक निजी फार्म में लगाए गए कटीले तारों की बाड़ में आकर फंस गया।जब उसकी दहाड़ने की आवाज ग्रामीणों ने सुनी,तो उन्होंने इसकी सूचना वन विभाग को दे दी। इसके बाद वन और वाइल्डलाइफ की टीम ने करीब पांच घंटे की कड़ी मेहनत करने के बाद उसकी जान को बचा सकी।
कटीले तारों की बाड़ में फंस गया तेंदुआ 5 घंटे की कड़ी मेहनत के बाद बची उसकी जान
कटीले तारों की बाड़ में फंस गया तेंदुआ,सोमवार की दोपहर के बाद शेरपुर पेलो गांव के निकट ग्रामीणों ने तेंदुए की दहाड़ने की आवाज सुनी।इस पर वह लोग खेतों की तरफ जहां से आवाज आ रही थी चले गए।वहां उन्होंने एक तेंदुआ को फार्म में लगाए गए कटीले तारों के बाड़े में फंसा हुआ पाया।इसके बाद उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों को इसकी सूचना दे दी।
डीएफओ श्वेता सेन एवं एसडीओ सामाजिक संवेदना चौहान,और एसडीओ शिवालिक राकेश चंद्रा मौके पर पहुंच गए।मेरठ से उसको बचाने के लिए टीम भी पहुंची।यहां तेंदुए का एक पंजा कटीले तारों में बड़े गंभीर तरीके से फंसा हुआ था।इसी कारण से तेंदुआ बहुत अधिक जख्मी भी हो गया था।
वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने मुख्यालय को इसकी सूचना दे दी।इसके बाद उसको बचाने के लिए वन विभाग की पूरी टीम मेरठ से वहां पर पहुंच गई। टीम ने सबसे पहले तेन्दुए को बेहोश कर दिया। इसके बाद उसको कटीले तारों से निकालने का रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया।सबसे पहले कंटीले तारों को काट दिया गया।इसके बाद उसको बाहर निकाला गया।यह सब होने में करीब पांच घंटा लग गया।
कटीले तारों में फंस कर जख्मी हुए तेंदुए का उपचार हो रहा है
डीएफओ श्वेता सेन ने बताया कि,तेंदुए को फंसे हुए कटीले तारों से बाहर निकाल लिया गया है। सभी किसानों से अपील है कि वह लोग इस तरह के कटीले तार न लगायें जो जानवरों के लिए,उनके जान पर संकट बन जाए।तेंदुए को आरक्षित वन क्षेत्र में,उसके स्वस्थ होने के बाद छोड़ दिया जाएगा।
कई महीनो से दिखाई पड़ रहा था तेंदुआ
यहां जिले में पिछले कई महीनो से तेंदुआ बराबर देखा जा रहा था।अंबेहटा एरिया के एक गांव में तेंदुए ने बच्चे पर हमला भी किया था। उसके चाचा ने बहादुरी का परिचय देते हुए भतीजे को तेंदुए से छुड़ा लिया था।लेकिन ऐसा करते हुए चाचा और भतीजा दोनों घायल हो गए थे।यहां इसके अलावा भी कई अन्य जगहों पर तेंदुआ नजर आ चुका है।
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