सभी का पेट भरने वाले बाढ़ पीड़ितों के हिस्से में 24 घंटे में केवल छः पूड़ी वह भी सभी को नहीं
यूपी बाढ़ की चपेट में है।यहां सब का पेट भरने वाले किसान और मजदूर स्वयं ही भूख से तड़प रहे हैं।इनकी मदद के बड़े-बड़े दावे हो रहे हैं,पर धरातल पर कुछ और ही है।प्रशासन से मिल रहे भोजन के पैकेट,बाढ़ पीड़ितों को 24 घंटे में एक बार ही मिल पाता है।वह भी केवल छः पूड़ी,कुछ सब्जी,और अचार। कुछ लोग भोजन के पैकेट पाने से छूट भी रहे हैं।
अनिल बाजपेयी
सीईओ फाउंडर एंड ग्रुप एडिटर
सभी का पेट भरने वाले बाढ़ पीड़ितों के हिस्से में 24 घंटे में केवल छः पूड़ी वह भी सभी को नहीं
एसडीएम बोले 19 गांव ही बाढ़ से प्रभावित हैं
The flood victims, who were supposed to feed everyone, got only six puris in 24 hours and that too not everyone.Vishva Bharti : Editor PIK : UP Desk : Lucknow : पिछले जुलाई महीने से पलिया कला,निघासन, धौरहरा एरिया के अतिरिक्त,सदर तहसील मे फूलबेहड़,व नकहा का क्षेत्र इस समय बाढ़ से पीड़ित है।पिछले शुक्रवार के बाद,यहां पर हालात और खराब हुए हैं।यहां करीब ढाई सौ गांव बाढ़ से डूबे हुए हैं।
सभी का पेट भरने वाले बाढ़ पीड़ितों के हिस्से में 24 घंटे में केवल छः पूड़ी वह भी सभी को नहीं
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सभी का पेट भरने वाले बाढ़ पीड़ितों के हिस्से में,बाढ़ क्षेत्र में मुख्य सड़को,व संपर्क मार्गो,गांव में घरों,और गलियारों’सभी जगह पानी ही पानी है। इससे इन गांवों के लोगों के समक्ष खाना और पानी की समस्या पैदा हो गई है।घरों में पानी भरा होने से,वहां रखा अनाज सड़ गया है। यहां के लोग भूखों पेट सोने के लिए बिवश हो गए हैं।
जैसे ही यहां वाहन आता है बच्चे भोजन की लालच में वहां दौड़े चले जाते हैं
यहां निघासन तहसील के गांव गोतेबाज पुरवा में,शारदा नदी से उफनाया हुआ पानी कई दिनों से भरा हुआ है।यहां के लोग घर के छतों पर,या खुले में ऊंचे स्थानों पर रहने के लिए मजबूर हुए हैं।इस गांव में कमरूननिशां,फूला, जहाना, इम्तियाज, उमर,छंगा, सलमान,और निहाल सहित,अन्य लोगों ने भी बताया कि खाने पीने की सभी वस्तुएं समाप्त हो गई हैं।
इन लोगों ने यह भी बताया कि,यहां पांच दिन हो गए। फिर भी प्रशासन से कोई भी नहीं आया है।जुगाड़ करके यहां बच्चों के लिए खाना तैयार होता है।उसमें बड़ों को खाने की नौबत नहीं आती। बच्चों को जैसे ही कोई चार पहिया वाहन दिखाई पड़ता है।वह खाने के पैकेट के लालच में वहां दौड़ कर चले जाते हैं।फिर निराश होकर वापस आ जाते हैं।
घर-घर घुसा पानी सड़क पर भूख प्यास से तड़प रहे बाढ़ पीड़ित
फूलबेहड़,बिजुआ, निघासन,पलिया और धौरहरा क्षेत्र में,बाढ़ पीड़ित मुश्किलों के दौर से गुजर रहे हैं। यहां पहुंच रही सरकारी मदद ‘ऊंट के मुंह में जीरा’ साबित हो रही है।बाढ़ पीड़ितों के घरों के भीतर पानी भरा हुआ है।यह सभी घर की छतों और सड़क पर रहने के लिए मजबूर हैं।यहां इन लोगों को खाना-पानी, प्रकाश और अन्य रोजमर्रा के जरूरत की वस्तुओं की कमी बनी हुई है।
भीरा पलिया मार्ग पर अभी तक आवागमन शुरू नहीं हो पाया है।वैसे बाइक सवार किसी तरह से,इन पानी कीचड़ भरे रास्तों पर निकल रहे हैं।निघासन के गोतेबाज पुरवा के बाढ़ पीड़ित छतों पर,और बस्ती पुरवा के ग्रामीण सड़क किनारे पड़े हैं। गांव ग्रंट 12 में शारदा नदी ने कटान तेजी से शुरू कर दिया है। यहां के बाढ़ पीड़ित,एक तरफ उनके घरों में बाढ़ का पानी जमा होने से परेशान हैं ।वहीं दूसरी तरफ प्रशासन से समुचित मदद न मिलने से भी परेशान है।
बाढ़ से गांव का रास्ता आने जाने लायक नहीं बचा
शारदा नदी का पानी उफान पर है।वह गांव और घरों में भर रहा है।इससे गोतेबाज पुरवा में चारों तरफ पांच दिनों से पानी भर रहा है।आने जाने के लिए यहां नाव के अतिरिक्त कोई दूसरा साधन नहीं बचा है।यहां गांव के लोग अपनी छतों पर रहने के लिए तंबू बना लिए है।यहां की बाढ़ पीड़ित जहाना कमरुन्निसा,फूला,इम्तियाज, छंगा,सलमान, और निहाल सहित,अन्य जब अपनी आप बीती बताई।तो उनकी आंखों से आंसू निकल आए।
यहां नदी उफान पर बह रही है
गोटेबाज पुरवा में बाढ़ पीड़ित बता रहे हैं कि, उनके पास खाने-पीने की और रोजमर्रा के जरूरत की सारी चीजें समाप्त हो चुकी हैं।यहां लोग एक दूसरे से मांग मांग कर अपना काम चला रहे हैं।सभी के घरों में पानी भर जाने से, वहां रखा हुआ सारा अनाज भीग कर सड़ गया है।यहां के बाढ़ पीड़ित,प्रधान और प्रशासन से अपनी नाराजगी जाता रहे हैं।
बरोठा के बस्ती पुरवा एवं नगर पंचायत के मोहल्ला नानक नगर की हालत बाढ़ से बिल्कुल खराब है। यहां बरोठा के मार्ग पर बाढ़ पीड़ितों ने तीन दिनों से,सड़क को ही अपना घर बना रखा है।यहां के मनोज ने कहा कि उनके छप्पर का घर,पूरी तरह से पानी में बह गया है। पिछले महीने जब बाढ़ आई थी,तब से लेकर आज तक यहां खाने का कोई पैकेट नहीं मिला है।तीन दिनों से हम लोग सड़क पर पड़े हुए हैं। सरकार का कोई आदमी पूछने नहीं आया है। यहां खाना बनाने के लिए सूखी लकड़ियां बिल्कुल नहीं है।गैस सिलेंडर में गैस भरने का पैसा नहीं है।किसी तरह जुगाड़ करके एक पहर का खाना बन जाता है।
निघासन आदिलाबाद मार्ग पर एक किलोमीटर तक पानी ही पानी भरा हुआ है
आदिलाबाद से निघासन जाने वाली सड़क पर, कुर्मी पुरवा से किशनपुर वाटर सड़क पर,दो से तीन फुट पानी बह रहा है।यहां कटी बगिया का इलाका पानी से डूबा हुआ है।लोगों को अपना वाहन,जीवन को दांव पर लगाकर निकलना पड़ रहा है।
एसडीएम बोले 19 गांव ही बाढ़ से प्रभावित हैं
एसडीएम राजीव निगम से जब पूछा गया तो उन्होंने बताया कि शारदा मुहाना,और सुहेली नदी से लेकर,तहसील क्षेत्र के केवल 19 गांव ही जलमग्न है।वहीं बालीपुर से सकरी गौढ़ी तक गांव में पानी ही पानी है। पिछले साल भी यहां 14 गांव बाढ़ से प्रभावित दिखाकर प्रशासन को रिपोर्ट सौंप दी गई थी। परंतु उस समय भी 80 गांव बाढ़ से डूबे हुए थे।यही कारण रहा होगा कि प्रशासन से मिलने वाली सहायता बाढ़ पीड़ितों तक नहीं पहुंच पाई। ‘तहसील के 19 गांव ही बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। इन सभी जगह पर लंच पैकेट भेजे जा रहे हैं- एसडीएम राजीव निगम
यहां बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सभी गांव को, भोजन के पैकेट और अन्य बाढ़ राहत सामग्री भेजी जा रही है।यदि कोई गांव का बाढ़ पीड़ित भोजन के पैकेट नहीं मिलने की शिकायत करता है।तो उसे तत्काल भोजन का पैकेट पहुंचाया जाएगा – डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल
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