जाँच हुई किशोरी गर्भवती नहीं मिली पिता ने कोर्ट से दुष्कर्म पीडिता के गर्भपात की मांग की थी
यूपी के बागपत में पिता ने दुष्कर्म पीड़िता बेटी के गर्भपात की गुहार की थी।इस पर कोर्ट ने उसकी जांच कराई तो वह किशोरी गर्भवती नहीं मिली।
जाँच हुई किशोरी गर्भवती नहीं मिली पिता ने कोर्ट से दुष्कर्म पीडिता के गर्भपात की मांग की थी
“Investigation was done, the girl was not found pregnant. The father had demanded abortion of the rape victim from the court. Vishva Bharti : Ayush Pandey : UP : Bagpat : छपरौली थाना इलाके के एक गांव में रहने वाले पिता ने रेप पीड़िता बेटी के गर्भपात कराने की न्यायालय से अनुमति मांगी थी न्यायालय ने सीएमओ बागपत को इसके लिए पत्र जारी किया। जारी हुए पत्र में पीड़िता का डाक्टरी परीक्षण कराने और गर्भपात के लिए विशेषज्ञ चिकित्सकों की राय संबंधित रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया।इस पर सीएमओ ने जांच कमेटी बनायी।पांच सदस्यीय जांच कमेटी के रेप पीड़िता किशोरी का अल्ट्रासाउंड कराने पर उसके पेट मे गर्भ नहीं मिला।जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सीएमओ को भेजी है।
जाँच हुई किशोरी गर्भवती नहीं मिली पिता ने कोर्ट से दुष्कर्म पीडिता के गर्भपात की मांग की थी
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जाँच हुई किशोरी गर्भवती नहीं मिली। पिता ने कोर्ट से दुष्कर्म पीडिता के गर्भपात की मांग की थीबीते माह में छपरौली थाना इलाके के एक गांव की 15 वर्षीय किशोरी लापता हुई थी।किशोरी के पिता ने पड़ोसी खेत मालिक के पुत्र को इसमें आरोपी बनाया था।उस पर पुत्री को बहला फुसला कर ले जाने का आरोप लगाया था।थाने में इसका मुकदमा भी दर्ज कराया था। आरोपी युवक पानीपत हरियाणा के गांव का रहने वाला है।कुछ दिनों के भीतर ही पुलिस ने किशोरी को ढूंढ निकाला था।
किशोरी के पिता ने अपने आरोप में कहा था कि उसकी पुत्री को ले जाने वाले युवक ने उससे दुष्कर्म किया है।इसी कारण से वह गर्भवती हो गई है।पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।वही किशोरी के पिता ने उसके गर्भवती होने के कारण उस पर जान का खतरा होने का संदेह जताया था। और इसका कारण उसकी आयु को 15 वर्ष से भी कम होना बताया था।पुत्री के गर्भपात के लिए पिता ने बागपत न्यायालय में याचिका दायर की थी। इसमें न्यायाधीश से पुत्री का गर्भपात कराने की विशेष अनुमति मांगी गई थी।
अपर जिला एवं सत्र न्यायालय के न्यायाधीश ने इसको गंभीरता से लिया। माननीय न्यायालय ने सीएमओ बागपत को इसके लिए पत्र जारी किया था।उसमें पीड़िता का डाक्टरी परीक्षण कराकर विशेषज्ञ चिकित्सकों की राय संबंधी रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया था।
सीएमओ ने पांच चिकित्सकों की एक संयुक्त टीम बनाई थी।टीम के द्वारा पीड़िता का अल्ट्रासाउंड कराने पर उसके पेट में गर्भ मिला ही नहीं। चिकित्सकों की जांच कमेटी ने अल्ट्रासाउंड को आधार बनाकर अपनी रिपोर्ट सीएमओ को भेज दिया है।सीएमओ डॉक्टर तीरथ लाल ने कहा कि किशोरी गर्भवती नहीं है।शीघ्र ही जांच रिपोर्ट न्यायालय को भेजी जाएगी।
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