आधी रात को बिना वजह उपभोक्ता का बिजली कनेक्शन काट दिया था कोर्ट आदेश से बिजली दफ्तर सील

उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में बिजली विभाग के गलत कदम उठाने से एक उपभोक्ता का बिजली कनेक्शन आधी रात को बिना वजह काट दिया।उपभोक्ता ने कोर्ट में लड़ाई लड़ी। वहां से उसे हर्जाना मिलने का आदेश हुआ। इसे न देने पर बिजली विभाग का दफ्तर सील हुआ।

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आधी रात को बिना वजह उपभोक्ता का बिजली कनेक्शन काट दिया था कोर्ट आदेश से बिजली दफ्तर सील

“Consumer’s electricity connection was disconnected without any reason at midnight. Electricity office sealed as per court order

Vishva Bharti : Akhilesh Rai : UP : Gajipur : यूपी के गाजीपुर में कोर्ट का आदेश होने के बाद भी उपभोक्ता को क्षतिपूर्ति नहीं मिली।इसे लेकर बिजली विभाग का दफ्तर सील हुआ। अपर जिला जज ने आदेश देते हुए मंगलवार की शाम को बिजली विभाग के अधीक्षण अभियंता और विद्युत वितरण खंड प्रथम अन्य कार्यालयों को सील कर दिया है।

आधी रात को बिना वजह उपभोक्ता का बिजली कनेक्शन काट दिया था कोर्ट आदेश से बिजली दफ्तर सील

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आधी रात को बिना वजह उपभोक्ता का बिजली कनेक्शन काट दिया था।कोर्ट आदेश से बिजली दफ्तर सील। कोर्ट ने एक महीने तक यह सभी कार्यालय सील रहेंगे यह आदेश जारी किया है।इस तरह की कार्रवाई की यह पहली घटना है।इससे समूचे बिजली विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों में कोर्ट की कार्रवाई का भय व्याप्त हो गया है। शहर के माल गोदाम रोड निवासी बाबूलाल साहू दशकों पहले 1980 में आटा चक्की,कोल्हू,और अन्य मशीन,घर में ही लगा रखी थी।बिजली विभाग रात में छापामारी कर उनका बिजली कनेक्शन काट दिया।

बिजली कनेक्शन कटने के बाद इसका विरोध करते हुए उपभोक्ता बाबूलाल साहू कोर्ट पहुंच गया और वहां अपनी अपील दायर की।कोर्ट ने सुनवाई करते हुए इस मामले में बिजली कनेक्शन नहीं काटने का आदेश जारी किया।इसके अलावा कोर्ट ने बादी के हक में क्षतिपूर्ति के लिए 1980 से एक मई 2014 तक ₹4000 प्रति माह की दर से 16 लाख 32 हजार रुपए उपभोक्ता को देने का आदेश भी दिया।

कोर्ट का आदेश मिलने के बाद बिजली विभाग हर्जाना अदा करने में कोई रूचि नहीं दिखाई। इससे नाराज कोर्ट ने 13 अगस्त को बिजली विभाग की इन संपत्तियों को सील करने का आदेश दिया।कोर्ट का आदेश मिलने पर कोर्ट के अमीन दिलीप यादव और कोतवाली पुलिस लाल दरवाजा के बिजली विभाग कार्यालय पहुंचकर बिजली विभाग के सभी कार्यालयों को खाली करा लिया।कोर्ट के अमीन ने सील किए गए सभी कार्यालय में ताला लगा दिया। सबसे आखिर में कार्यालय के मुख्य गेट पर कोर्ट अमीन और पुलिस बल ने ताला लगाकर सीलिंग की प्रक्रिया को पूरा किया।

जहां-जहां सीलिंग की प्रक्रिया पूरी की गई है। उनमें अधीक्षण अभियंता बिजली विभाग खंड प्रथम और मीटर विभाग के अधिशासी अभियंता का विभागीय कार्यालय भी शामिल है। इन सभी कार्यालयों को सील कर दिया गया है।यहां बड़ी संख्या में सैकड़ो कर्मचारी कार्य करते हैं।इस प्रकरण पर बिजली विभाग के किसी भी अधिकारी ने बोलने से साफ मना कर दिया है।

स्मरण रहे कि कोर्ट में दायर इस केस की लड़ाई तीसरी पीढ़ी ने लड़ी है।कोर्ट में मुकदमा बाबूलाल साहू ने 1980 में दायर किया था और अब उनकी तीसरी पीढ़ी गणेश साहू ने इस मामले में अब बड़ी जीत हासिल की है। गणेश साहू ने कहा कि 1980 में मुकदमा दायर हुआ था।44 साल बाद मेरे यानी तीसरी पीढ़ी केस की पैरवी करते रहे और अब जाकर कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है।

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