- अयोध्या अस्पताल में महिला को ‘भूत’ बताकर गलत ऑपरेशन, खेत गिरवी रखने को मजबूर पीड़ित पति”
- बीकापुर के एक निजी अस्पताल में महिला मरीज की पथरी की जगह काट दी गई पित्त की नली। डॉक्टर ने बीमारी को बताया ‘भूत’, इलाज के नाम पर लाखों की लूट। पीड़ित पति लगा रहा न्याय की गुहार
सत्येंद्र मिश्रा अयोध्या। अयोध्या ज़िले के बीकापुर क्षेत्र में एक निजी अस्पताल ने न सिर्फ़ इलाज के नाम पर लापरवाही की हदें पार कर दीं, बल्कि डॉक्टर की करतूत ने चिकित्सा पर अंधविश्वास का काला साया भी डाल दिया। महिला मरीज को पथरी की शिकायत पर भर्ती किया गया, लेकिन ऑपरेशन के बाद हालत बिगड़ गई। डॉक्टर ने अपनी गलती छुपाने के लिए कहा, “बीमारी नहीं, भूत लगा है!” अब पीड़ित किसान न्याय के लिए दर-दर भटक रहा है।

बीकापुर तहसील के मजरुद्दीपुर में स्थित एक प्राइवेट अस्पताल ‘पीएमटी हॉस्पिटल’ में मंगारी गांव की महिला सुनीता देवी को 13 जून 2024 को पित्त की थैली में पथरी की शिकायत पर भर्ती कराया गया था। डॉक्टर बालमुकुंद ने उसी दिन ऑपरेशन किया, लेकिन इसके बाद मरीज की तबीयत सुधरने की बजाय और बिगड़ती चली गई।
17 दिन तक महिला को अस्पताल में जबरन रोका गया। परिजनों द्वारा बार-बार सवाल उठाए जाने पर डॉक्टर ने यह चौंकाने वाला बयान दे डाला कि “मरीज को बीमारी नहीं, बल्कि किसी भूत-प्रेत का साया है।”
इस बहाने डॉक्टर ने महिला को सुल्तानपुर के किसी तांत्रिक के पास ‘ओझाई’ के लिए ले गया। जब वहां भी कोई फायदा नहीं हुआ, तो महिला को लखनऊ के एक निजी अस्पताल में भर्ती करा दिया और खुद गायब हो गया।
पीड़ित पति भगवानदीन ने बताया कि लगभग साल भर बीत रहे हैं इस इलाज में करीब दो लाख रुपये अब तक खर्च हो चुके हैं और अब उन्होंने खेत तक गिरवी रख दिया है। लखनऊ के लोहिया अस्पताल में जांच हुई तो पता चला कि ऑपरेशन में महिला की पित्त की नली ही काट दी गई थी, जिससे उसकी हालत गंभीर बनी हुई है।
जांच को प्रभावित करने की कोशिश कर रहा अस्पताल संचालक

न्याय की गुहार और सिस्टम पर सवाल
यह मामला सिर्फ एक महिला की स्वास्थ्य क्षति का नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा करता है। जहाँ डॉक्टर खुद अंधविश्वास फैलाएं, वहाँ एक आम ग्रामीण किस पर भरोसा करे? क्या ऐसे डॉक्टरों के लाइसेंस रद्द नहीं होने चाहिए? क्या सिस्टम की सुस्ती की वजह से मरीजों की जिंदगी यूं ही बर्बाद होती रहेगी?