कोर्ट के आदेश पर हुई जांच में युवक पर चोरी के आरोप फर्जी कमिश्नर की रिपोर्ट से खुलासा

कोर्ट के आदेश पर पुलिस कमिश्नर लखनऊ ने रायबरेली के एसपी अभिषेक अग्रवाल को, एमबीए शिक्षित युवक के गाड़ी देने से मना करने पर,वहां की पुलिस युवक को चोरी के केस मे गिरफ्तार कर जेल भेजने का मामला झूठा पाया है।दोषी पुलिस कर्मियों पर विभागीय,अनुशासनात्मक कार्रवाई के निर्देश जारी किए हैं।

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कोर्ट के आदेश पर हुई जांच में युवक पर चोरी के आरोप फर्जी कमिश्नर की रिपोर्ट से खुलासा

In the investigation conducted on the orders of the court, allegations of theft against the young man were revealed by the fake commissioner’s report.Vishva Bharti : Ayush Pandey : UP : Lucknow : रायबरेली के एसपी अभिषेक अग्रवाल को एमबीए शिक्षित युवक के टैक्सी देने से इनकार करने पर चोरी के झूठे केस में पुलिस द्वारा उसे फसाने के मामले की जांच पूरी करने के बाद पुलिस कमिश्नर लखनऊ ने अपनी जांच रिपोर्ट सौंप दी है।हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच के समक्ष रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए उसमें बताया कि, मामला झूठा पाए जाने पर रायबरेली के थाना खीरो मे इस मामले से संबंधित पुलिस कर्मियों के खिलाफ अनुशासनात्मक व विभागीय कार्रवाई की संस्तुति कर दी गई है।रिपोर्ट को देखते हुए न्यायालय ने इस मामले में दाखिल याचिका निस्तारित कर दी है।

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कोर्ट के आदेश पर हुई जांच में न्यायमूर्ति विवेक चौधरी एवं न्यायमूर्ति एनके जौहरी की खंडपीठ ने गोमती मिश्रा की याचिका पर लखनऊ पुलिस कमिश्नर को जांच करने का आदेश पारित किया था।याचिका में याची ने बताया था कि वह एक बुजुर्ग मां है। उसके एमबीए की पढ़ाई पूरी कर चुके बेटे को चोरी के झूठे केस में केवल इसलिए फंसा दिया गया कि उसने रायबरेली के एसपी अभिषेक अग्रवाल को टैक्सी नहीं दी थी

याची की तरफ से कोर्ट के समक्ष दलील दी गई थी कि उसके बेटे अलख मिश्रा को 30-31 मार्च की रात में मौरांवा पेट्रोल पंप से पुलिस उठा कर थाना खीरो ले गई।वहां उसको मारने पीटने के बाद हिंदूपुर गांव में 31-1 की रात में हुई चोरी के मामले में गिरफ्तार दिखा दिया गया। जबकि उसके पास 30 31 मार्च को पेट्रोल पंप से पुलिस के द्वारा उसके बेटे को उठाने का सीसीटीवी फुटेज मौजूद है।

न्यायालय इस मामले को बहुत गंभीर मानते हुए पुलिस महानिदेशक को इस पर एसआईटी गठित कर जांच कराने का आदेश जारी किया था।लखनऊ हाई कोर्ट बेंच का आदेश मिलने के पर राज्य सरकार की तरफ से बताया गया था कि उनके आदेश के अनुपालन में पुलिस कमिश्नर लखनऊ से जांच कराई गई है।

पुलिस कमिश्नर की जांच से पीड़ित का आरोप सत्य पाया गया है।इसमें याची के बेटे अलख मिश्रा सहित राधेश प्रताप सिंह और संजय सिंह को मौरावां पेट्रोल पंप से पुलिस उठाकर थाना खीरो ले गई।लेकिन पुलिस ने इस मामले की कोई आवश्यक लिखा पढ़ी नहीं की।फिर चोरी के आरोप में उनको जेल भेज दिया।

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