- मर कर भी अमर हो गया चमक लाल: देहदान से 6 लोगों को मिली नई जिंदगी
- सूरत में काम कर रहे भागलपुर के मजदूर की मौत, अंगदान से दिलाई कई ज़िंदगियों को रौशनी, परिवार को गर्व और दुःख दोनों
रिपोर्ट : अजय कुमार : भागलपुर। भागलपुर के एक छोटे से गांव बभनगामा के रहने वाले चमक लाल अब हमारे बीच नहीं रहे, लेकिन उनकी इंसानियत की मिसाल हमेशा ज़िंदा रहेगी। गुजरात के सूरत में काम के दौरान उनकी मौत हो गई, लेकिन उन्होंने अपने अंगों को दान देकर छह लोगों को ज़िंदगी की नई उम्मीद दे दी। उनके इस फैसले से समाज को एक नई सोच और प्रेरणा मिली है।
भागलपुर से गुजरात तक फैली इंसानियत की एक मिसाल

भागलपुर जिले के शिवनारायणपुर के बभनगामा कलगीगंज गांव निवासी चमक लाल मजदूरी के लिए गुजरात के सूरत शहर में गए थे। बताया गया कि 28 मार्च को काम से लौटते वक्त उन्हें चक्कर आया और वो गिर पड़े। कुछ स्थानीय लोगों का यह भी कहना है कि क्रेन हादसे में उन्हें गंभीर चोट लगी, जिससे ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया।
इसके बाद सूरत की प्रसिद्ध संस्था डोनेटलाइफ के फाउंडर चमक लाल के परिवार से मिले और देहदान की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया। एक अप्रैल को परिजनों ने अंगदान की सहमति दे दी।
6 लोगों को मिला नया जीवन
चमक लाल की देह से निकाले गए अंगों से गुजरात के छह लोगों को नया जीवन मिला। किसी को दिल मिला, किसी को किडनी, लीवर और आंखें भी दो लोगों को दी गईं। उनका शव संस्था की मदद से अहमदाबाद से उनके गांव भागलपुर लाया गया, जहां पूरे सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया।
भाई (चमक लाल): “चमक का जाना हमारे लिए अपूरणीय क्षति है, लेकिन उसने दूसरों की जान बचाकर हम सबका सिर गर्व से ऊंचा कर दिया।”
पत्नी (ललिता देवी): “गर्व है कि वो दूसरों के काम आए, लेकिन एक पत्नी के लिए उसका जाना किसी पहाड़ से कम नहीं।”
बेटा: “पापा ने हमेशा हमें सिखाया कि मदद करना सबसे बड़ा धर्म है। अब हम भी उनकी तरह दूसरों की मदद करना चाहेंगे।”
परिवार को मिला समर्थन और वादा

गांव में पसरा मातम, लेकिन दिल में गर्व
चमक लाल के बड़े बेटे ने उन्हें मुखाग्नि दी, जबकि दो छोटे बेटे गम में डूबे हैं। उनकी पत्नी ललिता देवी ने रोते हुए कहा, *”हमें अपने पति पर गर्व है कि उन्होंने लोगों को नई जिंदगी दी, लेकिन मेरा सुहाग छिन गया, इसका गम रहेगा। वो मरकर भी अमर हो गए हैं।”
राजनीतिक हलचल और सरकारी संज्ञान
यह मामला अब राजनीतिक रूप से भी तूल पकड़ता जा रहा है। श्रम संसाधन विभाग ने भी इस हादसे पर संज्ञान लिया है और जांच की बात कही है कि मजदूरों की सुरक्षा को लेकर कोई लापरवाही तो नहीं हुई थी।