- नेपाल से भारत को फिर शुरू हुआ सीमेंट और प्लाईवुड का निर्यात, बीआईएस प्रमाणन नवीनीकरण के बाद व्यापार में मिली बड़ी राहत
- नेपाल के निर्माताओं को मिली राहत, रुका हुआ कारोबार फिर पटरी पर
- भारत और नेपाल के बीच व्यापारिक रिश्तों में आई फिर से रफ्तार
नेपाल। नेपाल में बनी सीमेंट, प्लाईवुड और कई अन्य उत्पाद अब फिर से भारत निर्यात हो सकेंगे। बीआईएस (भारतीय मानक ब्यूरो) प्रमाणन के नवीनीकरण के बाद भारत ने नेपाल से इन वस्तुओं के आयात पर लगी रोक को हटा दिया है। इससे दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंध मजबूत होंगे और नेपाल के उद्योगों को काफी राहत मिलेगी।
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अब जब बीआईएस प्रमाणन का नवीनीकरण हो गया है, तो भारत ने इन प्रतिबंधों को हटा दिया है। इससे नेपाल के उद्योगों को राहत मिली है और एक बार फिर व्यापार की उम्मीदें जग गई हैं।
नेपाल के उद्योगपतियों ने लंबे समय से अपनी सरकार पर इस मुद्दे को सुलझाने के लिए दबाव बनाया हुआ था। नेपाल के उद्योग, वाणिज्य और आपूर्ति मंत्री दामोदर भंडारी ने भारत दौरे के दौरान इस मसले पर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल से बातचीत की थी। जनवरी में भारत-नेपाल वाणिज्य सचिव स्तरीय बैठक में भी यह मुद्दा प्रमुखता से उठा और भारत ने समाधान का भरोसा दिलाया।
बीआईएस प्रमाणन से जुड़ी स्थिति
- अब तक लगभग 12 उद्योगों ने बीआईएस नवीनीकरण पूरा कर लिया है।
- कई सीमेंट कंपनियां जैसे अर्घाखांची, पाल्पा और सर्वोत्तम सीमेंट फिर से भारत को निर्यात शुरू करने की योजना बना रही हैं।
- लगभग 3 फैक्ट्रियां पहले ही भारत को निर्यात कर रही हैं और बाकी भी अगले महीने तक प्रक्रिया पूरी कर लेंगी।
नेपाल प्लाईवुड संघ के अध्यक्ष होम प्रसाद घिमिरे ने कहा कि, “बीआईएस मिलने से हमारे लिए भारतीय बाजार में निर्यात करना फिर से आसान हो जाएगा। यह पहल नेपाल के उद्योगों के लिए बड़ा अवसर लेकर आई है।”
जानिए किन वस्तुओं के लिए जरूरी है बीआईएस प्रमाणन
- सीमेंट
- इस्पात व लौह उत्पाद
- रसायन, उर्वरक
- पॉलिमर और वस्त्र
- फ्लैट शीट ग्लास
- जूते, जूट बैग
- प्लाईवुड और लकड़ी के शटर
- पोर्टेबल पानी की बोतलें
भारत और नेपाल के बीच व्यापारिक रिश्तों में फिर से जान आ रही है। बीआईएस प्रमाणन की प्रक्रिया के पूरा होने से अब सीमेंट और प्लाईवुड जैसे उत्पादों का रास्ता खुल गया है। इससे नेपाल के उद्योगों को राहत और व्यापार को नई ऊर्जा मिलेगी।
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