शेख हसीना के विरुद्ध गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ 18 नवंबर तक उन्हें पेश करने का आदेश
शेख हसीना के विरुद्ध बांग्लादेश में गिरफ्तारी वारंट जारी हो गया है। उन्हें 18 नवंबर तक पेश करने का आदेश दिया गया है। शेख हसीना के विरुद्ध हत्या सहित कई मामलों में जांच हो रही है।बांग्लादेश में अंतरिम सरकार मानवाधिकार हनन के मामले की भी जांच कर रही है। इन पर आरोप लगा है कि उन्होंने अपने 15 साल के कार्यकॉल मे लोगों को गलत निशाना बनाया।
शेख हसीना के विरुद्ध गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ 18 नवंबर तक उन्हें पेश करने का आदेश
Arrest warrant issued against Sheikh Hasina, order to produce her by November 18.Vishva Bharti : Akhilesh Rai : New Delhi : Digital Desk : पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की बांग्लादेश में मुश्किलें बढ़ रही हैं। असल में बांग्लादेश की एक अदालत ने उनके विरुद्ध गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया है। यहां अदालत ने 18 नवंबर तक शेख हसीना को पेश करने का आदेश दे दिया है।मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बांग्लादेश में अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT) मे मुख्य अभियोजक मोहम्मद तजुल इस्लाम ने यह जानकारी दी है। शेख हसीना के विरुद्ध बांग्लादेश में मानवाधिकार हनन से जुड़े कई मामलों मे जांच हो रही है। शेख हसीना पर छात्र आंदोलन के समय जान गंवाने वाले कई छात्रों की हत्या का आरोप भी लगा है।
शेख हसीना के विरुद्ध गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ 18 नवंबर तक उन्हें पेश करने का आदेश
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना फोटो सोशल मीडिया
बांग्लादेश से शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग होती आ रही बांग्लादेश से कई बार शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग की जा चुकी है। इस पर भारत के सामने कूटनीतिक संकट मंडरा रहा है। समझा जाता है कि शेख हसीना की वजह से दोनों देशों के मध्य संबंधों पर इसका प्रतिकूल असर पड़ सकता है। असल में भारत और बांग्लादेश के मध्य 2013 में एक प्रत्यर्पण की संधि हुई थी। ऐसे में प्रश्न उठता है कि यदि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग कर देती है,तो फिर भारत उसके अनुरोध को स्वीकार करेगा या नहीं।
भारत बांग्लादेश के मध्य प्रत्यर्पण संधि क्या है
भारत और बांग्लादेश के बीच प्रत्यर्पण संधि के अनुसार सीमा पर उग्रवाद एवं आतंकवाद व राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा उत्पन्न कर रहे अपराधियों को किसी भी देश के अनुरोध पर उन्हें उस देश को सौंप दिया जाएगा। दिलचस्प यह है कि व्यक्ति पर लगे आरोप दोनों ही देश में दंडनीय अपराध की श्रेणी में वर्गीकृत किये जाने चाहिए।
भारत प्रत्यर्पण से मना भी कर सकता है
मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि शेख हसीना पर लोगों को कुचलने,हत्या सहित कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं। 2016 के संशोधन के अनुसार प्रत्यर्पण के लिए सबूतों की आवश्यकता को भी समाप्त कर दिया गया है। वर्तमान में किसी भी देश की अदालत अगर गिरफ्तारी वारंट जारी कर देती है,तो प्रत्यर्पण करना जरूरी होगा।वैसे संधि के अनुच्छेद छह के अनुसार अगर अपराध राजनीति की श्रेणी का है,तो इसमे प्रत्यर्पण से मना भी किया जा सकता है।इसी के साथ सैन्य अपराध से जुड़े मामलों में भी प्रत्यर्पण से इनकार किया जा सकता है।
5 अगस्त को शेख हसीना बांग्लादेश छोड़कर भारत चली आई थी
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इसी वर्ष जुलाई माह में बांग्लादेश के भीतर आरक्षण के खिलाफ राष्ट्रव्यापी छात्र आंदोलन होने पर,एक माह चले इस आंदोलन में 400 से ज्यादा लोगों की जान चली गई थी। इसी के बाद उग्र छात्रों ने राजधानी ढाका कूच कर दिया था,और 5 अगस्त को सुरक्षा की वजह से शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर,सेना के हेलीकॉप्टर से भारत चली आईं थीं।उन्होंने तभी से भारत में शरण ले रखी है।
YOU MOST READ
1 दोस्त ने बीवी के साथ अवैध संबंध बनाया बहुत समझाने पर भी नहीं माना युवक ने मार दी गोली
2 रील बनाने की शौक ने जेल पहुंचाया वीडियो वायरल होते ही पुलिस ने धर दबोचा शौक का खुमार उतरा
3 बहराइच : मूर्ति विसर्जन के दौरान बवाल, युवक की मौत, पुलिस ने किया लाठीचार्ज
4 मूर्ति विसर्जन पर एक की मृत्यु से पूरा अवध क्षेत्र झुलस जाता डीएम व एसपी ने ऐसा होने से रोक दिया
5 22 करोड़ हड़पने वाले बिल्डर को ईडी ने गिरफ्तार किया,जांच में नहीं दे रहा था सहयोग