अनिल बाजपेयी
सीईओ फाउंडर एंड ग्रुप एडिटर
दस हजार की रिश्वत लेते मलेरिया अधिकारी विजिलेंस टीम के हत्थे चढ़ा जेल भेजा गया
उन्नाव के मलेरिया अधिकारी रमेश चंद्र यादव 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार हुए हैं
विजिलेंस की टीम ने भ्रष्टाचार की धाराओं में FIR दर्ज करते हुए रमेश को जेल भेज दिया
फाइलेरिया नियंत्रण इकाई के बायोलॉजिस्ट केके गुप्ता की शिकायत पर विजिलेंस ने रमेश के विरुद्ध कार्रवाई की थी
Malaria officer taking bribe of Rs 10,000, caught by Vigilance team, sent to jail.Vishva Bharti : Editor Pic : UP : Lucknow Desk : Unnao : यूपी के लखनऊ में विजिलेंस की टीम ने उन्नाव में,मलेरिया अधिकारी रमेश चंद्र यादव को दस हजार रूपये की रिश्वत लेते हुए उन्हें रंगे हाथों पकड़ लिया। बिजिलेन्स ने उन्हें पकड़ने के लिए ट्रैप बिछाया था।इसी के बाद रमेश को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया,और उन्हें जेल भेज दिया।आपको बता दें कि विजिलेंस की टीम ने दस हजार रूपये की रिश्वत ले रहे उन्नाव के मलेरिया अधिकारी रमेश चंद्र यादव को पकड़ा है।और भ्रष्टाचार की धाराओं में एफआईआर दर्ज करने के बाद उन्हें जेल भेज दिया है।फाइलेरिया नियंत्रण इकाई में बायोलॉजिस्ट के के गुप्ता की शिकायत पर विजिलेंस ने यह कार्रवाई की है।
दस हजार की रिश्वत लेते मलेरिया अधिकारी विजिलेंस टीम के हत्थे चढ़ा जेल भेजा गया
बताते चलें कि विजिलेंस के अभिसूचना सेक्टर ने,उन्नाव में मलेरिया अधिकारी रमेश चंद्र यादव को लखनऊ में दस हजार रूपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया है।इसके बाद भ्रष्टाचार की धाराओं में एफआईआर दर्ज करके रमेश को जेल भेजा गया है।स्मरण रहे कि उन्नाव की फायलेरिया नियंत्रण इकाई में बायोलॉजिस्ट के पद पर काम कर रहे केके गुप्ता ने विजिलेंस के अभिसूचना सेक्टर के एसपी से मिलकर, कुछ दिन पहले रमेश की शिकायत थी। उन्होंने अपनी शिकायत में रमेश के सिक लीव मंजूर करने के लिए दस हजार रुपए मांगने की बात कही थी।बिजिलेन्स की टीम ने जब इसकी जांच की तो आरोप सही पाए गए।फिर बिजिलेंस ने रमेश को पकड़ने के लिए ट्रेप बिछाया,और उसमें फंसा लिया। रमेश को रंगे हाथों रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया गया।
सूत्रों ने बताया कि केके गुप्ता ने मेडिकल लीव के लिए उनकी टेबल पर एप्लीकेशन दी थी। आरोप लगा है कि रमेश चंद्र यादव ने इसके अप्रूवल के लिए दस हजार रुपयों की मांग कर ली।इसी से नाराज होकर केके गुप्ता ने इस मामले की शिकायत,यूपी के सतर्कता विभाग में की थी।मलेरिया अधिकारी रमेश चंद्र ने बायोलॉजिस्ट केके गुप्ता को उनके काम को करने के लिए,अपने ऑफिस मे सोमवार को बुलाया था।
केके गुप्ता ने यह जानकारी बिजिलेंस की टीम को पहुंचा दी थी।इसके बाद बिजिलेंस की ट्रैप टीम भी वहां पहुंच गई। केके गुप्ता रमेश चंद्र से मिलने दोपहर में जब पहुंचे तो वह घटना की रिकॉर्डिंग करने का पूरा इंतजाम करके वहां गए थे।
केके गुप्ता ने रिश्वत के दस हाजार रूपये जैसे ही रमेश चंद्र यादव को सौंपे। विजिलेंस की टीम अचानक वहां आ गई। तलाशी लेने पर रमेश चंद्र की जेब में रखा हुआ रिश्वत का दस हजार रुपया उनको मिल गया।इसके बाद भ्रष्टाचार की धाराओं में एफआईआर दर्ज करके उन्हें जेल भेज दिया गया है।
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