- लखनऊ में हर साल बनेंगी 100 ब्रह्मोस मिसाइलें, नई पीढ़ी की तकनीक पर भारत-रूस में बातचीत शुरू
- तीनों सेनाओं को मिलेंगी अत्याधुनिक ब्रह्मोस मिसाइलें, लखनऊ में होगा उत्पादन का प्रमुख केंद्र
लखनऊ। भारत की रक्षा तैयारियों को और मजबूती देने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाया गया है। लखनऊ में अब हर साल करीब 100 ब्रह्मोस मिसाइलें तैयार की जाएंगी। भारत और रूस के बीच इसको लेकर बातचीत भी शुरू हो चुकी है। ये मिसाइलें थलसेना, वायुसेना और नौसेना – तीनों के लिए होंगी। इस नई पहल से भारत की सैन्य ताकत को नया बल मिलेगा।
लखनऊ अब केवल उत्तर प्रदेश की राजधानी नहीं बल्कि देश की रक्षा उत्पादन का एक प्रमुख केंद्र बनने जा रहा है। ब्रह्मोस मिसाइल, जिसे दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल माना जाता है, अब लखनऊ में बड़े पैमाने पर तैयार की जाएगी। भारत और रूस की साझा परियोजना के तहत हर साल करीब 100 ब्रह्मोस मिसाइलें लखनऊ में बनेंगी।
जानकारी के मुताबिक, दोनों देशों के बीच इस बात को लेकर बातचीत शुरू हो चुकी है कि नई पीढ़ी की ब्रह्मोस मिसाइल कैसे विकसित की जाए। यह अगली पीढ़ी की मिसाइलें न केवल तकनीकी रूप से पहले से ज्यादा एडवांस होंगी, बल्कि इनकी रेंज और मारक क्षमता भी ज्यादा होगी।
रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि इन मिसाइलों का उपयोग थल, वायु और जल – तीनों क्षेत्रों में किया जा सकेगा। इसका मतलब है कि सेना, वायुसेना और नौसेना – तीनों को एक जैसी और अपग्रेडेड मिसाइल टेक्नोलॉजी का फायदा मिलेगा।
लखनऊ के अलावा हैदराबाद और त्रिवेंद्रम (अब तिरुवनंतपुरम) में भी ब्रह्मोस मिसाइल यूनिट्स पहले से कार्यरत हैं। लेकिन लखनऊ की यूनिट को भविष्य में नई पीढ़ी की मिसाइल उत्पादन का बड़ा केंद्र बनाया जा रहा है। इससे न केवल देश की सैन्य क्षमताएं बढ़ेंगी, बल्कि उत्तर भारत में रक्षा उद्योग के लिए भी नए रास्ते खुलेंगे।
सूत्रों के मुताबिक, लखनऊ की इस ब्रह्मोस यूनिट से देश के आत्मनिर्भर भारत अभियान को भी बड़ा बल मिलेगा। साथ ही, स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी सामने आएंगे।