- लालू परिवार की बढ़ी मुश्किलें,सीबीआई बिहार चुनाव के बीच खड़े कर रही एक दर्जन गवाह,ट्रायल अगले हफ्ते शुरू
CBI कोर्ट के जज विशाल गोगने ने आरोप तय करते हुए 13 अक्टूबर को कहा कि वे पहली नजर में इस निष्कर्ष पर पहुँचे हैं कि लालू यादव को इस पूरी प्रक्रिया की जानकारी थी उनके अनुसार लालू ने होटलों के हस्तांतरण को प्रभावित करने के लिए हस्तक्षेप भी किया था
रिपोर्ट : एके नौटियाल : पटना : बिहार : लालू परिवार की मुश्किलें बढ़ाते हुए बिहार विधानसभा चुनाव से पहले केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने आईआरसीटीसी होटल के मामले में एक दर्जन के आसपास गवाहों की सूची अदालत को सौंप दी है यह गवाह पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव, उनके बेटे तेजस्वी यादव उनकी पत्नी राबड़ी देवी एवं अन्य के विरुद्ध मामले में उनके कथित संलिप्तता की गवाही देंगे इसके लिए सीबीआई ने इन गवाहों को औपचारिक नोटिस जारी कर दिया है इसमें उन्हें 27 अक्टूबर को कोर्ट में Watch होने को कहा है उसी दिन से इस मामले में ट्रायल शुरू कर दिया जाएगा
लालू परिवार की बढ़ी मुश्किलें,सीबीआई बिहार चुनाव के बीच खड़े कर रही एक दर्जन गवाह,ट्रायल अगले हफ्ते शुरू
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सूत्रों ने कहा कि ET की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि सीबीआई इन सभी गवाहों की गवाही किसी सबूत के बिना जल्द से जल्द पूरा कर लेने की कोशिश करेगी रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि उक्त गवाहों से पूछताछ कर लेने के बाद सीबीआई आरोपियों के विरुद्ध अपने आरोपों को साबित करने के लिए कुछ और गवाह पेश कर सकती है
इस महीने ही आरोप तय किए गए हैं
आपको बता दें कि इसी माह के प्रारम्भ में एक विशेष सीबीआई अदालत ने राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद,तेजस्वी यादव,राबड़ी देवी,एवं अन्य लोगों के विरुद्ध आईआरसीटीसी होटल केस में उनकी कथित संलिप्तता के लिए आरोप तय कर दिए गए हैं। अदालत ने लालू प्रसाद यादव के विरुद्ध भ्रष्टाचार (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के संबंधित धाराओं के अनुसार), धोखाधड़ी,आपराधिक षड्यंत्र,और अन्य आरोप तय किए गए हैं।तेजस्वी यादव, राबड़ी देवी,एवं अन्य लोगों पर धोखाधड़ी और षड्यंत्र समेत कई अन्य अपराधों का आरोप भी है। वैसे यह तीनों अदालत में स्वयं को निर्दोष बता रहे हैं।इस मामले से जुड़े लोगों का कहना है कि आरोपी इस आदेश को चुनौती भी दे सकते हैं।
लालू प्रसाद यादव को इस पूरी प्रक्रिया की जानकारी थी
विशेष सीबीआई कोर्ट के जज विशाल गोगने ने 13 अक्टूबर को आरोप तय करते हुए कहा था कि वे पहली नजर मे इस निष्कर्ष पर पहुँचे हैं कि लालू को इस पूरी प्रक्रिया की जानकारी थी। एवं उन्होंने होटलों के हस्तांतरण को प्रभावित करने मे हस्तक्षेप किया था। स्वयं के आदेश में जज ने कहाहै कि,”निविदा प्रक्रिया में अतिमहत्वपूर्ण बदलाव किए गए थे… यह स्पष्ट संभावना के रूप में सामने आ चुका है कि बिक्री करते समय,उन जमीनों के टुकड़ों का बहुत कम मूल्यांकन किया गया था इस तरह फिर वे लालू के पास आ गए थे।” विशेष न्यायाधीश ने 244 पृष्ठ के अपने आदेश में मामले में “मिलीभगत’’ के सभी पहलू को चिह्नित कर दिया था
भूमि हस्तांतरण में हेरफेर करने का आरोप लगा
आपको बता दें कि सीबीआई ने लालू यादव परिवार पर भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम,(IRCTC) की निविदाओं और भूमि हस्तांतरण में हेरफेर करने के आरोप लगाये थे । लालू यादव पर रेल मंत्री रहते हुए अपने कार्यकाल के समय कोचर बंधुओं – विजय कोचर व विनय कोचर (दोनों ही मेसर्स सुजाता होटल प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक,होटल चाणक्य,पटना के मालिक)एवं अन्य लोगों के साथ संयुक्त रुप से आपराधिक षड्यंत्र रचने के आरोप लगे हैं, जिससे कि पुरी और रांची में रेलवे के बीएनआर होटलों को उप-पट्टे पर देने के लिए ठेके देने की खातिर फर्म को अनुचित लाभ दिया जा सके।
ठेके के बदले में भूखंड दिए
CBI के आरोपपत्र के अनुसार, ठेके के एवज में कोचर ने कथित रुप से पटना में एक प्रमुख भूखंड लालू यादव के बहुत करीबी सहयोगी प्रेम चंद गुप्ता एवं उनके सहयोगियों द्वारा नियंत्रित कंपनी को बेच दिया बाद में इस कंपनी को लालू के परिवार के सदस्यों ने अपने नियंत्रण में ले लिया था यह मूल्यवान संपत्ति बहुत मामूली कीमत पर उन्हें हस्तांतरित कर दी गयी। न्यायाधीश के आरोप पढ़ने के बाद लालू यादव,तेजस्वी,राबड़ी देवी,ने स्वयं के निर्दोष होने की दलील दी थी एवं मुकदमे का सामना करने की बात भी कही थी ।
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