- बिहार में विधायक को मारने की साजिश? गोपाल मंडल ने बताया खुद को निर्दोष
- नेम प्लेट तोड़ने के मामले में राजनीतिक संग्राम तेज
रिपोर्ट: अजय कुमार, भागलपुर: बिहार। बिहार की राजनीति में इन दिनों एक नया विवाद सामने आया है। पूर्णिया के रुपौली विधानसभा सीट के निर्दलीय विधायक शंकर सिंह ने अपने पटना स्थित सरकारी आवास के बाहर लगे नेम प्लेट को तोड़ने की घटना को लेकर सनसनीखेज आरोप लगाए हैं। उन्होंने गोपालपुर विधायक गोपाल मंडल और बीमा भारती पर सीधा शक जताया है और यह भी दावा किया कि उन्हें मारने की साजिश रची जा रही है।
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जानिए क्या है पूरा मामला?
आपको बताते चलें कि गुरुवार, 27 फरवरी की रात को विधायक शंकर सिंह के पटना स्थित सरकारी आवास के बाहर लगी नेम प्लेट को किसी ने तोड़ दिया। विधायक ने इस घटना के लिए सीधे गोपाल मंडल और बीमा भारती को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने दावा किया कि जिस दिन उन्होंने नेम प्लेट लगवाई, उसी दिन गोपाल मंडल और बीमा भारती उनके घर के पास देखे गए थे।
विधायक शंकर सिंह ने इस संबंध में पटना के स्थानीय थाने में एफआईआर दर्ज कराई है और इसे राजनीतिक साजिश बताया है। उनका कहना है कि यह उनके खिलाफ एक सोची-समझी चाल है ताकि उन्हें डराया और धमकाया जा सके।
गोपाल मंडल ने दी सफाई – हम चोर नहीं, जनता के प्रतिनिधि हैं… देखें Video👇
इस मामले पर गोपाल मंडल ने अपनी सफाई देते हुए कहा कि यह आरोप पूरी तरह बेबुनियाद और झूठा है। उन्होंने कहा: “यह सब मुझे बदनाम करने की साजिश है। जब यह घटना हुई, मैं वहां था ही नहीं। अगर मुझ पर आरोप लगाए जा रहे हैं, तो प्रशासन से अनुरोध करता हूं कि घटनास्थल के सभी सीसीटीवी फुटेज खंगाले जाएं, जिससे सच्चाई सामने आ सके।”
उन्होंने आगे कहा “हम चोर या अपराधी नहीं हैं, हम जनता के प्रतिनिधि हैं। हम कोई अवैध हथियार नहीं रखते। मेरे पास जो भी हथियार हैं, वे सब लाइसेंसी हैं।”
बीमा भारती भी विवादों में, विपक्ष ने साधा निशाना
पूर्व विधायक बीमा भारती, जो पहले जेडीयू में थीं और अब राजद में शामिल हो चुकी हैं, ने 2024 का लोकसभा चुनाव भी लड़ा था, लेकिन हार गईं। बाद में उन्होंने रुपौली विधानसभा सीट से उपचुनाव लड़ा। शंकर सिंह ने आरोप लगाया कि बीमा भारती उनके घर में तीन महीने तक रुकी थीं, और अब उनके खिलाफ साजिश रची जा रही है।
क्या कहता है प्रशासन?
पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है और कहा है कि सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है। अब देखना होगा कि सच्चाई क्या है और क्या इस मामले में किसी पर कानूनी कार्रवाई होगी या यह सिर्फ राजनीतिक बयानबाजी तक ही सीमित रहेगा।
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