कॉरिडोर की डिजाइन में बदलाव परंपरा बचाने की कोशिश बड़े हनुमान गंगा में नहाते रहेंगे
हर वर्ष सावन के महीने में मां गंगा श्री बड़े हनुमान जी ( लेटे हनुमान) मंदिर मे गर्भगृह के भीतर प्रवेश कर हनुमान जी को पुण्य स्नान कराती हैं। श्रद्धा की इस परंपरा को बचाए रखने के खातिर निर्माणाधीन हनुमान मंदिर कॉरिडोर के डिजाइन में परिवर्तन किया जा रहा है।अब निर्माण का प्रारूप इस तरह से बनाया जाएगा कि मां गंगा मंदिर के गर्भ गृह के भीतर प्रवेश कर सकें और यह परंपरा बनी रहे।
कॉरिडोर की डिजाइन में बदलाव परंपरा बचाने की कोशिश बड़े हनुमान गंगा में नहाते रहेंगे
“Change in the design of the corridor, an attempt to save the tradition, Bade Hanuman will continue to bathe in the Ganga.Vishva Bharti : Vijay Kumar Patel : Prayagraj : प्रयागराज में,संगम नगरी में लेटे हुए हनुमान को गंगा स्नान कराने की चली आ रही परंपरा टूटने से बच जाए प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने हनुमान मंदिर कॉरिडोर परियोजना मे कुछ इस तरह डिजाइन में बदलाव किया गया है जिससे अब इस कॉरिडोर के बन जाने के बाद बाढ़ के समय में गंगा का प्रवाह गर्भगृह के पास अनवरत चलता रहेगा।
कॉरिडोर की डिजाइन में बदलाव परंपरा बचाने की कोशिश बड़े हनुमान गंगा में नहाते रहेंगे
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कॉरिडोर की डिजाइन में बदलाव परंपरा बचाने की कोशिश।बड़े हनुमान मंदिर कॉरिडोर के निर्माण से सावन माह में बाढ़ के समय गंगा का प्रवाह रुकने की आशंका उत्पन्न हो गई थी। बाढ़ के समय गंगा की लहरें मंदिर में प्रवेश करके हनुमान जी को स्नान कराती रहें।
इस परंपरा को बचाए रखने के लिए एलिवेटेड बाउंड्री वॉल बनाई जाएगी।इसमें बाउंड्री के नीचे का पूरा हिस्सा खुला रहेगा।जिससे मंदिर में गंगा के प्रवेश करने की परंपरा टूटने न पाए। इसको बनाए रखने के लिए कॉरिडोर की डिजाइन में यह बड़ा बदलाव किया गया है।
जब बारिश का मौसम होता है।गंगा और यमुना का जलस्तर बढ़ते हुए लेटे हनुमान मंदिर पर पहुंचता है।उसके बाद हनुमान जी को स्नान कराकर लौट जाता है।सदैव से यह परंपरा बराबर चली आ रही है।इसे देखने के लिए श्रद्धालुओं की बहुत बड़ी भीड़ लगती है।
अब जब वहां पर कॉरिडोर बन जाएगा तो बाढ़ का पानी मंदिर में घुसने से रुक जाएगा।इसलिए कॉरिडोर के नक्शे में बड़ा बदलाव करते हुए बाउंड्री वॉल एलिवेटेड बनाने की तैयारी चल रही है। इस तरह गंगा का पानी मंदिर तक भी पहुंचता रहेगा।
प्रयागराज विकास प्राधिकरण पड़ा ने लेटे हनुमान मंदिर का कॉरिडोर बनाने के लिए सेना से वहां की 11186 वर्ग मीटर (2.76 एकड़) जमीन ले ली है।इसके बदले पीडीए को नौवां के जाह्नवीपुरम आवासीय योजना में से 64 करोण रूपये कीमत की 19 हजार वर्ग मीटर जमीन सेना को स्थानांतरित करनी पड़ी है।
जमीन की अदला बदली की सहमति बन जाने के बाद बीते दिनों निर्माण कार्य की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।कॉरिडोर निर्माण का ठेका यूनिवस्तु बूट्स इंफ्रा लिमिटेड कंपनी को मिला है।38.18 करोड रुपए से यह कंपनी दो चरणों में अपना काम पूरा करेगी।
कंपनी पहले चरण में बाउंड्री वॉल दुकान सड़क आदि का निर्माण दिसंबर माह तक पूरा कर देगी।दूसरे चरण मे मंदिर के गर्भ गृह के काम को महाकुंभ के बाद करेगी।बीते दिनों जब कंपनी ने अपना काम शुरू किया तो बाढ़ आ गई।
बाढ़ के पानी से हनुमान जी का स्नान हुआ। इसके बाद गंगा जमुना का जलस्तर घटने लगा। यह परंपरा अनवरत कायम रहेगी।पूर्व में इसके लिए कॉरिडोर में कोई व्यवस्था नहीं हुई थी। कॉरिडोर का बाउंड्री वॉल बन जाने से बाढ़ का पानी भी रुक जाता
इस संबंध में पीडीए के उपाध्यक्ष अरविंद चौहान ने निर्माण एजेंसी को खास निर्देश दिया कि बाउंड्रीवॉल एलिवेटेड बनाई जानी चाहिए। जिससे बाउंड्री वॉल के नीचे से बाढ़ के पानी का आने जाने का रास्ता बना रहेगा और इस तरह मंदिर के पूर्व दिशा में बनने वाली बाउंड्री वॉल के निर्माण में विशेष बदलाव हो जाएगा।
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