- राजभवन में सियासी हलचल: सीएम योगी के साथ विधायकों और मंत्रियों का रात्रि भोज
- भोज के बहाने सियासी मेलजोल, कई अहम मुद्दों पर चर्चा संभव
अखिलेश द्विवेदी : लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजनीति में राजभवन हमेशा से महत्वपूर्ण बैठकों और चर्चाओं का केंद्र रहा है। इसी कड़ी में आज रात राजभवन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ मंत्रियों और विधायकों का रात्रि भोज आयोजित किया गया। इस खास मौके पर सरकार के कई बड़े चेहरे शामिल हुए, जिससे सियासी गलियारों में चर्चाओं का दौर तेज हो गया है।
भोज में शामिल हुए मुख्यमंत्री और बड़े नेता
इस रात्रि भोज में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक भी मौजूद रहे। इसके अलावा, भाजपा के सहयोगी दलों—अपना दल (सोनेलाल) और राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) के सभी विधायक भी इस आयोजन में शामिल हुए।
इस भोज में विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना और नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडे की मौजूदगी ने भी इसे खास बना दिया। विपक्ष के किसी बड़े नेता की इस तरह की बैठक में मौजूदगी को राजनीतिक संकेतों से जोड़ा जा रहा है।
सिर्फ भोज या सियासी रणनीति?
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह रात्रि भोज केवल एक औपचारिक आयोजन नहीं बल्कि सत्ता के गलियारों में चल रही हलचल का हिस्सा भी हो सकता है। आगामी लोकसभा चुनाव और प्रदेश की राजनीतिक परिस्थितियों को देखते हुए इस तरह की बैठकों को काफी अहम माना जाता है।
इसके अलावा, यूपी में विभिन्न योजनाओं और कानून-व्यवस्था को लेकर विपक्ष लगातार सरकार को घेरने की कोशिश कर रहा है। ऐसे में यह बैठक सरकार और विपक्ष के बीच संवाद का जरिया भी बन सकती है।
भविष्य की राजनीति पर नजर
भले ही इसे सामान्य भोज के रूप में देखा जा रहा हो, लेकिन सरकार और विपक्ष के बड़े नेताओं की मौजूदगी यह संकेत देती है कि आने वाले दिनों में प्रदेश की राजनीति में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिल सकते हैं। इस भोज में हुई चर्चाओं का असर विधानसभा और आगामी चुनावों पर भी देखने को मिल सकता है।