- कलाग्राम में कलाकारों ने बिखेरा जलवा : सांस्कृतिक कुंभ में गूंजे लोकगीत, थिरके कदम
विजय कुमार पटेल : प्रयागराज। महाकुंभ के पावन अवसर पर संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आयोजित कलाग्राम सांस्कृतिक समारोह में कला और संस्कृति की अनूठी छटा बिखरी। श्रद्धालुओं ने लोकनृत्य, शास्त्रीय संगीत और पारंपरिक लोककला की शानदार प्रस्तुतियों का भरपूर आनंद लिया।
यह भी पढ़ें : राम मंदिर के प्रथम शिलान्यासकर्ता कामेश्वर चौपाल का निधन, अयोध्या में शोक की लहर
शास्त्रीय संगीत ने बांधा समां
समारोह की शुरुआत प्रसिद्ध गायिका रश्मि अग्रवाल की मधुर प्रस्तुति से हुई। उन्होंने “शिव पंचाक्षर स्तोत्र” से माहौल को भक्तिमय बना दिया। इसके बाद “महाकुंभ में डुबकी लगा, महादेव जी मिल जाएंगे” गीत की प्रस्तुति ने दर्शकों को भक्ति रस में सराबोर कर दिया। राम और कृष्ण भक्ति से ओतप्रोत भजनों “राम नाम अति मीठा”, “मेरी झोपड़ी के भाग आज खुल जाएंगे” और “मैंने मेहंदी लगाई कृष्ण नाम की” ने श्रोताओं के दिलों को छू लिया।
इसके बाद सरोद वादक डॉ. चंद्रिमा मजूमदार ने अपनी प्रस्तुति से संगीत प्रेमियों को मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने राग सरस्वती, राग खमाज और अंत में राग पहाड़ी में “चलो मन गंगा जमुना तीर” भजन प्रस्तुत किया, जिसने माहौल को आध्यात्मिक रंग में रंग दिया।
लोकनृत्य की रंगारंग प्रस्तुतियां
लोकनृत्य की श्रंखला में देशभर से आए कलाकारों ने अपनी सांस्कृतिक विरासत की झलक पेश की—
- – मध्य प्रदेश से अभिलाष चौबे एवं दल ने बधाई नृत्य की मनमोहक प्रस्तुति दी।
- – महाराष्ट्र के शेखर निरंजन भाकरे एवं दल ने सोंगी भारुड नृत्य से दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया।
- – जम्मू-कश्मीर की रशिका कौल एवं दल ने कश्मीरी पंडित लोकनृत्य प्रस्तुत किया, जो वहां की सांस्कृतिक समृद्धि को दर्शाता है।
- – उत्तराखंड के जितेंद्र बलोनी और साथियों ने भड़िया चोफुला नृत्य से समां बांध दिया।
- – राजस्थान की दुर्गा देवी एवं दल ने मशहूर तेराताली नृत्य से सबका दिल जीत लिया।
- – असम से आए पद्मश्री द्रोणा ने देवधानी नृत्य प्रस्तुत किया, जिसने दर्शकों को असम की पारंपरिक विरासत से जोड़ा।
- – आंध्र प्रदेश की पिली मेंटराजू और उनके दल ने गरागालु नृत्य से अपनी कला का जलवा बिखेरा।
- – श्रीराम भारतीय कला केंद्र के कलाकारों ने रामायण पर आधारित नृत्य नाटिका प्रस्तुत कर दर्शकों को भगवान राम के जीवन प्रसंगों से रूबरू कराया।
संस्कार और संस्कृति का अद्भुत संगम
इस भव्य आयोजन का संचालन अभिजीत मिश्रा ने किया। श्रद्धालुओं और कला प्रेमियों ने इन प्रस्तुतियों का आनंद उठाया और हर प्रस्तुति के बाद तालियों की गूंज से पूरा पंडाल गूंज उठा। महाकुंभ के आध्यात्मिक माहौल में इन सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने एक नई ऊर्जा का संचार किया।
यह भी पढ़ें : राम मंदिर के प्रथम शिलान्यासकर्ता कामेश्वर चौपाल का निधन, अयोध्या में शोक की लहर
YOU MOST READ
1 बदल गया रामलला के दर्शन का समय, सुबह 6 बजे से रात 9 बजे तक होंगे प्रभू के दर्शन
2 मिल्कीपुर उपचुनाव में 65.25% मतदान, सपा ने लगाए धांधली के आरोप
4 मिल्कीपुर उपचुनाव पर अखिलेश यादव का तीखा बयान, चुनाव आयोग पर कसा तंज… देखें Video
5 रिश्वत लेते पकड़ा गया असिस्टेंट कमिश्नर, विजिलेंस टीम ने मुरादाबाद से किया गिरफ्तार