- प्यार की पराकाष्ठा या रिश्तों की मर्यादा का पतन? 50 वर्षीय महिला ने रिश्ते में पोते संग रचाई शादी
- पति को मृत मान कर रचाई विवाह, पूर्व पति कर रहा तेरही की तैयारी; दलित बस्ती में सामाजिक बहिष्कार
अखिलेश कुमार द्विवेदी : अंबेडकरनगर। प्रेम की कोई उम्र नहीं होती, यह कथन सुनने में जितना भावुक लगता है, असल ज़िंदगी में कई बार उतना ही विवादास्पद भी हो सकता है। अंबेडकरनगर जनपद के बसखारी थाना क्षेत्र के प्रतापपुर बेलवरिया दलित बस्ती से सामने आई एक घटना ने पारंपरिक रिश्तों और सामाजिक मर्यादाओं को कटघरे में खड़ा कर दिया है।
दादी और पोते जैसे रिश्ते में रचाया विवाह

स्थानीय जानकारी के अनुसार, 52 वर्षीय इंद्रावती, जो चार बच्चों की मां हैं, ने गांव के ही 28 वर्षीय युवक आज़ाद से गोविंद साहब मंदिर में विवाह कर लिया। आज़ाद, रिश्ते में इंद्रावती का पोता माना जाता है, दोनों एक ही जाति और गांव के निवासी हैं। विवाह के इस निर्णय से न सिर्फ़ परिवार, बल्कि पूरा गांव स्तब्ध और आक्रोशित है।
पति ने मान लिया मृत, कर रहा तेरही की तैयारी
इंद्रावती के पति चंद्रशेखर आज़ाद, जिनसे उनकी यह दूसरी शादी थी, ने इस घटना के बाद इंद्रावती को मृत मानते हुए तेरही की तैयारी शुरू कर दी है। इंद्रावती की पहली शादी से एक बेटी है जिसकी शादी भी चंद्रशेखर ने करवाई थी, और दूसरी शादी से दो बेटे और एक बेटी हैं।
प्रेम प्रसंग बना विवाद का कारण
ग्रामीणों के अनुसार, इंद्रावती और आज़ाद के बीच बीते कुछ वर्षों से प्रेम संबंध चल रहे थे, जो अब खुले तौर पर विवाह में बदल गया। दो दिन पूर्व यह मामला पुलिस चौकी लहटोरवा तक भी पहुंचा, लेकिन कोई समझौता न होने पर दोनों ने समाज की परवाह किए बिना मंदिर में विवाह कर लिया।
सामाजिक बहिष्कार और जुर्माना
घटना के बाद दलित बस्ती के लोगों ने दोनों का सामाजिक बहिष्कार कर दिया है। साथ ही जो भी व्यक्ति इस नवदंपति से संबंध रखेगा, उस पर ₹5000 का जुर्माना लगाने का निर्णय लिया गया है। इन हालातों में दोनों नवविवाहित गांव छोड़ कर शहर चले गए हैं।