- अयोध्या में आतंकी साजिश: आईएसआई, पीएफआई के बाद आईएसकेपी की दस्तक, सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर
- अयोध्या में आतंकी गतिविधियों का बढ़ता खतरा
अखिलेश त्रिवेदी : अयोध्या। भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक राजधानी, अब आतंकी संगठनों के निशाने पर है। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई, कट्टरपंथी संगठन पीएफआई, और अब इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रोविंस (आईएसकेपी) ने यहां अपने नेटवर्क को फैलाने की कोशिशें तेज कर दी हैं। हाल ही में सुरक्षा एजेंसियों ने इनायतनगर के मंजनाई निवासी अब्दुल रहमान को गिरफ्तार किया, जो आईएसकेपी से जुड़ा था और फरीदाबाद से हथियार लेकर अयोध्या लौटने वाला था।
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गिरफ्तारियां और आतंकी साजिशें
यह पहली बार नहीं है जब अयोध्या में आतंकी संगठनों के नेटवर्क का खुलासा हुआ है। इससे पहले, 2017 में खवासपुरा निवासी आफताब को आईएसआई से संपर्क के चलते गिरफ्तार किया गया था। पिछले सात वर्षों में चार स्थानीय मुस्लिम युवक आतंकी संगठनों से जुड़े पाए गए, जो भारतीय सेना और अयोध्या पर हमले की साजिश रच रहे थे।
पीएफआई की भूमिका और एजेंडा
अयोध्या में पीएफआई (पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) की साजिशें भी उजागर हो चुकी हैं। सितंबर 2022 में बीकापुर के कुढ़ा गांव से पीएफआई सदस्य अकरम और अक्टूबर 2022 में पुरानी सब्जी मंडी से मोहम्मद जैद की गिरफ्तारी हुई थी। पूछताछ में इन दोनों ने बाबरी मस्जिद पुनर्निर्माण, आरएसएस में घुसपैठ, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ साजिशें रचने की बात कबूल की थी।
सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर
इन गिरफ्तारियों के बाद एनआईए, एटीएस और लोकल इंटेलिजेंस यूनिट (LIU) हाई अलर्ट पर हैं। सुरक्षा एजेंसियां अयोध्या में संदिग्ध गतिविधियों और बाहरी तत्वों पर कड़ी नजर बनाए हुए हैं। पुलिस और खुफिया विभाग लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं ताकि रामनगरी को किसी भी आतंकी हमले से बचाया जा सके।
क्या कहती हैं सुरक्षा एजेंसियां?
विशेषज्ञों का मानना है कि आईएसआई, पीएफआई और आईएसकेपी जैसे संगठनों का मुख्य मकसद धार्मिक स्थलों को निशाना बनाकर सांप्रदायिक माहौल खराब करना और देश में अस्थिरता फैलाना है। लेकिन सुरक्षा एजेंसियां पूरी मुस्तैदी से इनके मंसूबों को नाकाम करने में जुटी हैं।
गौर तलब हो कि अयोध्या सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा का महत्वपूर्ण केंद्र भी बन चुका है। आतंकी संगठनों की बढ़ती गतिविधियां सुरक्षा एजेंसियों के लिए बड़ी चुनौती हैं, लेकिन भारतीय खुफिया तंत्र पूरी तरह सतर्क है। ऐसे में अब देखना होगा कि सरकार और एजेंसियां इस खतरे से कैसे निपटती हैं।
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