- लखनऊ में पुलिस इंस्पेक्टर ने की आत्महत्या, बीमारी और मानसिक तनाव बना वजह
- वाराणसी क्राइम ब्रांच में तैनात थे इंस्पेक्टर तरुण पांडे, चार महीने से छुट्टी पर चल रहे थे, म्योर रोड स्थित कमरे में खुद को मारी गोली
विजय कुमार पटेल : लखनऊ। लखनऊ से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है, जहां वाराणसी क्राइम ब्रांच में तैनात इंस्पेक्टर तरुण पांडे ने शनिवार रात अपने कमरे में खुद को गोली मारकर जान दे दी। पुलिस जांच में सामने आया है कि वे पिछले कुछ महीनों से बीमारी और मानसिक तनाव से गुजर रहे थे। घटना कर्नलगंज क्षेत्र के म्योर रोड इलाके की है, जहां वे अकेले रहते थे।
बीमारी से जूझ रहे थे इंस्पेक्टर, मानसिक तनाव ने ली जान

सूत्रों के अनुसार, इंस्पेक्टर तरुण पांडे पिछले चार महीनों से छुट्टी पर थे। वे लखनऊ के कर्नलगंज में म्योर रोड स्थित किराए के मकान में अकेले रहते थे। गंभीर बीमारी और लंबे समय से चल रहे तनाव ने उन्हें अंदर से पूरी तरह तोड़ दिया था।
शनिवार रात अचानक गोली चलने की आवाज सुनकर पड़ोसी घबरा गए और तुरंत पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने दरवाजा तोड़ा तो देखा कि इंस्पेक्टर अपने बेड पर खून से लथपथ पड़े थे। उनके पास उनकी सर्विस रिवॉल्वर भी मिली, जिससे उन्होंने खुद को गोली मारी थी।
कोई सुसाइड नोट नहीं मिला, जांच जारी
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है, लेकिन शुरुआती जांच में आत्महत्या का कारण बीमारी और मानसिक तनाव माना जा रहा है। शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और मामले की जांच की जा रही है।
मानसिक स्वास्थ्य को लेकर खड़े हुए सवाल
यह घटना एक बार फिर पुलिस विभाग में कार्यरत अफसरों की मानसिक स्थिति और स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति पर सवाल खड़े करती है। दिन-रात की ड्यूटी, अस्वस्थता और अकेलापन जैसे कारणों से मानसिक तनाव बढ़ता जा रहा है, जिसका गंभीर परिणाम सामने आ रहा है।
इंस्पेक्टर तरुण पांडे की आत्महत्या से पुलिस विभाग और समाज दोनों को यह समझने की ज़रूरत है कि मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता और सहायता कितनी ज़रूरी है। विभागीय अधिकारियों को चाहिए कि वे समय पर ऐसे कर्मियों की पहचान कर उन्हें सही सहायता उपलब्ध कराएं।