इकलौते बेटे की मौत पिता सह न सका कुछ समय में दम तोड़ दिया एक चिता पर अंतिम संस्कार
मुरादाबाद के ठाकुरद्वारा में इकलौते बेटे की मृत्यु पिता नहीं सह सका। उसकी भी कुछ ही देर में मृत्यु हो गई।दोनों का एक ही चिता पर अंतिम संस्कार हुआ है। ग्राम प्रधान किरण देवी के पुत्र की मृत्यु के कुछ देर बाद ही उनके पति की भी मौत हो गई।इस अनहोनी घटना के बाद गांव में लोग सदमे में हैं।
इकलौते बेटे की मौत पिता सह न सका कुछ समय में दम तोड़ दिया एक चिता पर अंतिम संस्कार
The father could not bear the death of his only son, he died within some time and was cremated on a pyre.Vishva Bharti : Vinod Rashtogi : UP : Lucknow Desk : Muradabad : यूपी में मुरादाबाद के ठाकुरद्वारा क्षेत्र के टांडा अफजल की ग्राम प्रधान किरण देवी के इकलौते बेटे लवी कुमार( 20) वर्ष की मृत्यु होने के कुछ ही देर बाद उनके पति योगेंद्र सिंह (48) वर्ष की भी मौत हो गई। वह अपने बेटे की मौत का सदमा सह नहीं सके,और उन्होंने भी कुछ ही देर में दुनिया छोड़ दी। सूत्रों ने बताया कि जब बेटे की तबीयत बिगड़ी हुई थी तो योगेंद्र सिंह उसका सदमा बर्दाश्त नहीं कर पाए,और उनकी भी तबीयत खराब हो गई थी। इस पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
इकलौते बेटे की मौत पिता सह न सका कुछ समय में दम तोड़ दिया एक चिता पर अंतिम संस्कार
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इकलौते बेटे की मौत पिता सह न सका,बता दें कि शुक्रवार को दोनों पिता पुत्र के शव का एक ही चिता पर अंतिम संस्कार हुआ।टांडा अफजल की ग्राम प्रधान किरण देवी के पुत्र लवी कुमार का फेफड़ों में इंफेक्शन होने की वजह से उनका काशीपुर में इलाज हो रहा था। जब कुछ आराम मिल गया तो उसे परिवार के लोग गांव लेकर आ गए थे।गांव आने पर उसकी तबीयत दोबारा खराब होने लगी इस पर दिल्ली के यशोदा अस्पताल में उसे भर्ती कराया गया।बेटे के बीमार होने पर पिता यह बात सह नहीं पाया और उसकी भी हालत खराब हो गई। कुछ दिन पहले उन्हें उत्तराखंड के जसपुर में दिखाया गया था। लेकिन वहां आराम न मिलने पर उन्हें काशीपुर के अस्पताल में भर्ती कराया गया।
शुक्रवार को इलाज के समय लवी कुमार की मृत्यु हो गई। जहां लवी की मृत्यु से परिजन शोकाकुल थे परिवार के लोग लवी के शव को लाने के लिए गए हुए थे तभी बेटे की मौत की सूचना पाकर काशीपुर अस्पताल में भर्ती योगेंद्र ने भी यह दुनिया छोड़ दी। योगेंद्र की मृत्यु पर पूरा गांव प्रधान के घर पर इकट्ठा हो गया।
अपरान्ह 11 बजे योगेंद्र का शव गांव आया। वहीं तीन घंटे बाद लवी कुमार का शव भी परिजन दिल्ली से लेकर आ गए। दोनों के अंतिम दर्शन के लिए गांव सहित आसपास के लोगों की सैकड़ो की संख्या में भीड़ इकट्ठा हो गई।दोपहर में ग्रामीणों ने प्रधान के खेत में ही दोनों की चिता तैयार करके, दोनों शवों का अंतिम संस्कार कर दिया।
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