फेसबुक पर दोस्ती बड़ी कीमत चुकानी पड़ी फांसी की सजा आबूधाबी जेल में शहजादी केस में नया मोड़ आया

मृत्युदंड के लिए जेल में बंद बांदा की दिव्यांग बेटी शहजादी को बचाने भारत के लोगों की आवाज दुबई तक पहुंच गयी।अब वहां की सरकार ने वेबसाइट और फोन नंबर जारी कर साक्ष्य व सुझाव मांगा है।इसके साथ ही मामले का निस्तारण एक दिन में करने की बात बोली है।शहजादी को दिन में दो बार फोन करने की भी अनुमति मिली।

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             अनिल बाजपेयी

सीईओ फाउंडर एंड ग्रुप एडिटर

फेसबुक पर दोस्ती बड़ी कीमत चुकानी पड़ी फांसी की सजा आबूधाबी जेल में शहजादी -केस में नया मोड़ आया

फांसी की सजा से बचाने की आवाज दुबई पहुंची वहां की सरकार ने साक्ष्य मांगे -शहजादी केस

Friendship on Facebook, had to pay a heavy price, death sentence, princess in Abu Dhabi jail, a new twist in the case. Vishva Bharti : Editor Pic : New Delhi : फांसी के लिए जेल में बंद बांदा की दिव्यांग बेटी शहजादी को बचाने भारत के लोगों की आवाज दुबई तक पहुंच गयी है । दुबई की सरकार ने दावत नामा में वेबसाइट और फोन नंबर जारी कर आमजन से साक्ष्य सुझाव और शिकायतमांग लिया है।वहीं मामले का निस्तारण एक दिन में करने की बात बोली है। दावतनामे की एक कॉपी आबूधाबी की जेल में फांसी की प्रतीक्षा कर रही भुक्तभोगी शहजादी को भेज दी है।शहजादी को दिन में दो बार फोन करने की भी अनुमति मिली।

फेसबुक पर दोस्ती बड़ी कीमत चुकानी पड़ी फांसी की सजा आबूधाबी जेल में शहजादी -केस में नया मोड़ आया

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फेसबुक पर दोस्ती बड़ी कीमत चुकानी पड़ी फांसी की सजा।मटौंध थाना क्षेत्र में गोयरा मुगली गांव की शहजादी को हत्या के एक मामले में दुबई की अदालत से फांसी का फैसला आया है। शहजादी भारत में एक समाज सेविका थी। जिसको फेसबुक के माध्यम से दोस्ती करके कुछ लोग आगरा ले गए। फिर वहां से उसको दुबई भेज दिया।यहां दुबई में 10 वर्ष के बालक की हत्या करने के फर्जी अपराध में उसे फंसा दिया।अब वह यहां फांसी की प्रतीक्षा में जेल की यातनायें सह रही है।

दुबई की अदालत से शहजादी को फांसी की सजा

दुबई की अदालत से शहजादी के खिलाफ फांसी का फैसला आया है।उसके फांसी पाने की तारीख 21 सितंबर तय की गई है। जब इसकी सूचना अमर उजाला पत्र में प्रकाशित खबर से भारत के राजनीतिक दल व समाजसेवी और आम जनता को मिली यहां के लोग उसको बचाने सड़कों पर उतरे। राष्ट्रपति प्रधानमंत्री को ज्ञापन दिया।और शहजादी के मामले में सीबीआई जांच की मांग की थी।

दुबई की सरकार ने मामले का निस्तारण एक दिन में करने को बोला

सभी के प्रयास से भारत सरकार की पहल पर दुबई से आस बंधाने वाली खबर आयी है।भारत के लोगों की सामूहिक आवाज दुबई सरकार तक पहुंची।फिर वहां के दावत नामे में वेबसाइट और फोन नंबर जारी कर सभी आमजन से साक्ष्य, सुझाव,और शिकायत मांगी गई है। साथ में इस मामले का निस्तारण एक दिन में करने के लिए बोला गया है और दावतनामे की एक कॉपी फांसी की प्रतीक्षा में यातनाएं सह रही अबू धाबी की जेल में बंद शहजादी को भेज दी गई है।

शहजादी अब दिन में दो बार फोन कर सकती है इसकी अनुमति मिली

दुबई की अबू धाबी जेल में यातनायें सह रही शहजादी को पहले भारत में फोन करने के लिए इजाजत लेनी पड़ती थी और इसके लिए 300 रूपये प्रति 2 मिनट काल की फीस जमा करनी पड़ती थी।इसका पैसा उसके पिता शब्बीर भारत से जमा करता था।लेकिन वहां की दुबई सरकार ने अब शहजादी को दिन में दो बार फोन करने की छूट दे दी है।इसके अलावा इसका कोई शुल्क उसे नहीं देना पड़ेगा।उसको माफ कर दिया गया है।

आओ जाने क्या है पूरा मामला

इसकी कहानी बिल्कुल फिल्मों जैसी है। फेसबुक से दोस्त बनी युवती को बड़ी कीमत चुकानी पड़ गई।उसके प्रेमी ने उसका इलाज कराने का बहाना बनाकर उसे आगरा ले गया।फिर वहां से बेचकर उसको दुबई भेज दिया। युवती के पिता की याचिका पर दुबई के दंपति सहित चार लोगों के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज करने के आदेश दिए।जबकि युवती दंपति के बेटे की हत्या में फांसी की सजा पाने पर दुबई की अबूधाबी जेल में बंद है।

युवती से फेसबुक पर दोस्ती की और उसे दुबई में बेचा

मटौंध थाना इलाके के गोयरा मुगली के शब्बीर खान ने सीजेएम कोर्ट में याचिका दाखिल कर बताया कि उनकी बेटी शहजादी (33) आग में जलने से दिव्यांग हो गई थी। फिर वह बांदा रोटी बैंक नामक संस्था से जुड़ गई और समाज सेवा करने लगी। फेसबुक से आगरा के युवक उजैर पुत्र मतलूब उसके संपर्क में आ गया।फिर उसने नवंबर 2021 में इलाज कराने का बहाना कर अपने शहर आगरा में ले गया।

युवक के प्रेमिका को फांसी की सजा

युवक ने आगरा में उसका वीजा बनवाया फिर बहला-फुसलाकर उसे दुबई मे रहने वाले आगरा के दंपति फ़ैज़ अहमद व नदिया के पास भेज कर उन्ही दंपति के हाथों में बेंच दिया। इसके अलावा उजैर ने उनकी बेटी के दिव्यांग कार्ड एटीएम और गहने अपने पास रख लिया।उसकी बेटी के बैंक अकाउंट में दिव्यांग पेंशन व अन्य जमा सारा पैसा निकाल लिया।

दुबई में कुछ दिन बीतने के बाद फैज़ के सात वर्ष के बेटे की गलत इलाज से मौत हो गई। वहां की कोर्ट ने उसकी बेटी को फांसी की सजा सुनाई। फैज ने उसकी बेटी को हत्या के मामले में उसे फंसा दिया। वहां के कोर्ट ने उसकी बेटी को दोषी ठहराया और फांसी की सजा सुनाई।इस समय वह अबूधाबी जेल में बंद है।

दूसरी तरफ वरिष्ठ अधिवक्ता अभिशार दीक्षित ने कहा कि सीजेएम की अदालत में जज भगवान दास गुप्ता ने इस मामले को संगीन अपराध माना है।उन्होंने मटौंध थाना पुलिस को धोखाधड़ी मानव व्यापार सहित अन्य धाराओं में फैज पत्नी नदिया फैज की मां अंजुम सहाना बेगम और उजैर के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत कर विवेचना करने का आदेश दिया है।

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