- थाईलैंड की युवती की भारत में घुसपैठ की कोशिश नाकाम: नेपाल से आ रही बस से खुनुवा बॉर्डर पर पकड़ी गई
- खुफिया एजेंसियों सतर्क, पास से मिले कई देशों के ATM कार्ड और फर्जी आधार—नेपाल से आती बसें बन रही राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा
अखिलेश कुमार द्विवेदी : सिद्धार्थनगर। नेपाल के रास्ते भारत में अवैध घुसपैठ और गैरकानूनी गतिविधियों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। शनिवार की सुबह इंडो-नेपाल बॉर्डर स्थित खुनुवा चेकपोस्ट पर एक चौंकाने वाला मामला सामने आया, जब थाईलैंड की एक युवती फर्जी भारतीय पहचान पत्र के सहारे नेपाल से दिल्ली जाने वाली बस में सवार मिली। एसएसबी और खुफिया एजेंसियों की सतर्कता से यह घुसपैठ नाकाम हो सकी। अब इस पूरे मामले ने नेपाल से आने वाली बसों की सुरक्षा और निगरानी पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
फर्जी आधार कार्ड और बिना वीजा के सीमा पार करने की कोशिश

शनिवार सुबह खुनुवा बॉर्डर पर एसएसबी की 43वीं वाहिनी के अधिकारी अंकुश डांगे और उनकी टीम ने नेपाल के पोखरा से दिल्ली जा रही सृष्टि ट्रैवल्स की बस की चेकिंग के दौरान एक संदिग्ध युवती और उसके दो सहयोगियों को पकड़ा।
युवती ने खुद को शिवानी पी भोसले (भारत) बताया, जबकि उसके साथ मौजूद युवक सिपाई अल्ताफ सिराज मोहम्मद गुजरात का निवासी निकला। लेकिन जब उससे पूछताछ की गई, तो उसकी भाषा और व्यवहार से एसएसबी को शक हुआ।
जांच में सामने आया कि यह युवती थाईलैंड निवासी योवलक नगामफट (27 वर्ष) है, जो फर्जी आधार कार्ड के सहारे भारत में दाखिल होने की कोशिश कर रही थी। उसके पास से थाईलैंड का पासपोर्ट (नंबर AC4480675), चार मोबाइल फोन, एक आईपैड, सात सिम कार्ड और अमेरिका, मलेशिया, नेपाल, भारत आदि देशों के कई बैंक कार्ड बरामद हुए हैं।
नेपाल की बसें बन रही हैं सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौती
यह पहला मामला नहीं है जब नेपाल से दिल्ली या भारत के अन्य शहरों को जाने वाली बसों से संदिग्ध व्यक्ति या अवैध वस्तुएं पकड़ी गई हों। कुछ ही दिन पहले नेपाल के कृष्णनगर में एक बस से करीब 15 लाख रुपये की अवैध सिगरेट बरामद हुई थी।
इसके अलावा दिल्ली पहुंचने वाली बसों से कई बार करोड़ों रुपये के प्रतिबंधित ई-सिगरेट और मानव तस्करी के मामले भी सामने आ चुके हैं। इस तरह की घटनाएं न सिर्फ सीमा सुरक्षा पर सवाल खड़े करती हैं, बल्कि नेपाल से चलने वाली निजी बसों के संचालन में पारदर्शिता और निगरानी की गंभीर कमी को भी उजागर करती हैं।
क्या बस ऑपरेटर्स और कस्टम विभाग की मिलीभगत है?

कस्टम विभाग की भूमिका भी जांच के घेरे में है, क्योंकि यह स्पष्ट नहीं है कि कैसे इतनी आसानी से विदेशी लोग फर्जी आईडी के साथ भारत में प्रवेश करने की कोशिश कर पा रहे हैं।
सीमा हैदर जैसा मामला फिर सामने आया… देखें Video 👇
इस घटना ने एक बार फिर सीमा गुलाम हैदर केस की याद दिला दी है, जो पाकिस्तान से नेपाल होते हुए खुनुवा बॉर्डर के जरिए ही भारत आई थी और ग्रेटर नोएडा जाकर सचिन नामक युवक के साथ रहने लगी थी।
इस बार भी उसी बॉर्डर से एक विदेशी युवती फर्जी पहचान के साथ भारत में घुसने की कोशिश करती पकड़ी गई है, जो दिखाता है कि इस रास्ते का दुरुपयोग अब लगातार बढ़ रहा है और यह *राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा* बनता जा रहा है।
मालूम हो कि नेपाल के रास्ते भारत में हो रही घुसपैठ अब सिर्फ आपराधिक नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा गंभीर मुद्दा बन चुकी है। थाईलैंड की युवती की गिरफ्तारी ने फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या हमारी सीमाएं सुरक्षित हैं? क्या नेपाल से आने-जाने वाले निजी बसों की निगरानी और कस्टम जांच पर्याप्त है? यह समय है जब इस पर ठोस कार्रवाई होनी चाहिए।