- लखनऊ पूर्वोत्तर रेलवे को मिला नया डीआरएम, गौरव अग्रवाल संभालेंगे कमान
- रक्षा मंत्रालय से रेलवे तक – गौरव अग्रवाल की नई जिम्मेदारी
आयुष पाण्डेय : लखनऊ : उत्तर प्रदेश। लखनऊ मंडल के रेलवे प्रशासन में बड़ा बदलाव हुआ है। पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के नए मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) के रूप में गौरव अग्रवाल को नियुक्त किया गया है। रेलवे बोर्ड ने इस संबंध में आधिकारिक आदेश जारी कर दिए हैं। गौरव अग्रवाल भारतीय रेलवे सेवा (IRSE) 1993 बैच के अधिकारी हैं और इससे पहले रक्षा मंत्रालय में मुख्य सतर्कता अधिकारी के रूप में कार्यरत थे। अब वे आदित्य कुमार का स्थान लेंगे, जिन्होंने 2022 से लखनऊ मंडल की कमान संभाल रखी थी।
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गौरव अग्रवाल का रेलवे सफर
गौरव अग्रवाल भारतीय रेलवे सेवा के अनुभवी अधिकारी हैं। अपने लंबे करियर में उन्होंने रेलवे से जुड़े कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है। उनकी नियुक्ति से रेलवे प्रशासन में नई ऊर्जा आने की उम्मीद जताई जा रही है।
- – रेलवे में सिविल इंजीनियरिंग से जुड़े मामलों में उनकी विशेषज्ञता है।
- – उन्होंने रेलवे संरचना, ट्रैक रखरखाव, यात्री सुविधाओं और प्रोजेक्ट प्लानिंग में अहम योगदान दिया है।
- – रक्षा मंत्रालय में मुख्य सतर्कता अधिकारी के तौर पर उन्होंने प्रशासनिक सतर्कता और अनुशासन बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
लखनऊ रेलवे मंडल को क्या बदलाव देखने को मिलेंगे?
लखनऊ मंडल रेलवे प्रशासन का एक महत्वपूर्ण केंद्र है। यह मंडल उत्तर प्रदेश के कई प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है और यात्रियों की सुविधाओं, ट्रेनों के संचालन, माल परिवहन और रेलवे के बुनियादी ढांचे के विकास में अहम भूमिका निभाता है।
गौरव अग्रवाल के आने से रेलवे में बदलाव की जताई जा रही यह उम्मीद :
1. यात्री सुविधाओं में सुधार
– रेलवे स्टेशनों के आधुनिकीकरण की गति बढ़ सकती है।
– टिकटिंग प्रणाली को और बेहतर बनाया जा सकता है।
– ट्रेनों की सफाई और समयबद्धता पर जोर दिया जा सकता है।
2. सुरक्षा व्यवस्था होगी मजबूत
– ट्रेनों और स्टेशनों पर सुरक्षा को और पुख्ता किया जाएगा।
– रेलवे पुलिस और प्रशासन के बीच तालमेल को और बेहतर किया जाएगा।
– सतर्कता व्यवस्था को मजबूत किया जाएगा, जिससे रेलवे संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
3. रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर का होगा विस्तार
– नए रेल ट्रैक, रेलवे ब्रिज और ओवरब्रिज के निर्माण में तेजी लाई जा सकती है।
– रेलवे स्टेशनों के विस्तार और आधुनिकीकरण पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
– डिजिटल टेक्नोलॉजी का अधिक इस्तेमाल किया जाएगा, जिससे रेलवे संचालन को और सुगम बनाया जा सके।
4. माल परिवहन और रेलवे आय में बढ़ोतरी
– लखनऊ मंडल के जरिए रेलवे के माल परिवहन में वृद्धि के प्रयास किए जाएंगे।
– व्यापारियों और उद्योगपतियों को रेलवे परिवहन के प्रति आकर्षित करने की रणनीति तैयार होगी।
– रेलवे की आय को बढ़ाने के लिए नई योजनाएं लागू की जा सकती हैं।
रेलवे बोर्ड ने क्यों चुना गौरव अग्रवाल को?
रेलवे बोर्ड द्वारा डीआरएम पद के लिए हमेशा अनुभवी अधिकारियों को प्राथमिकता दी जाती है। गौरव अग्रवाल का नाम इसलिए सामने आया क्योंकि:
✔ उनके पास प्रशासनिक क्षमता और रेलवे संचालन का गहरा अनुभव है।
✔ उन्होंने रक्षा मंत्रालय में सतर्कता अधिकारी के रूप में उत्कृष्ट कार्य किया, जिससे उनके प्रबंधन कौशल को मान्यता मिली।
✔ वे तकनीकी रूप से दक्ष हैं और रेलवे की संरचनात्मक और परिचालन जरूरतों को अच्छी तरह समझते हैं।
✔ रेलवे में अपनी समस्याओं के त्वरित समाधान और यात्री सुविधाओं को प्राथमिकता देने की शैली के लिए जाने जाते हैं।
यात्रियों और रेलवे कर्मचारियों की उम्मीदें
रेलवे कर्मचारी और यात्री दोनों ही नए डीआरएम से बेहतर सुधार की उम्मीद कर रहे हैं। रेलवे कर्मचारी संघों ने भी उनके स्वागत में सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। उम्मीद की जा रही है कि वे कर्मचारियों की समस्याओं को सुनेंगे और रेलवे की कार्यप्रणाली को और बेहतर बनाएंगे।
रेल यात्रियों को भी विश्वास है कि नई व्यवस्था के तहत उनकी सुविधाओं में सुधार होगा। ट्रेन संचालन समय पर होगा, स्टेशन सुविधाएं बढ़ेंगी और नई योजनाएं शुरू की जाएंगी।
लखनऊ मंडल के नए डीआरएम के रूप में गौरव अग्रवाल की नियुक्ति से रेलवे प्रशासन में एक नई ऊर्जा आने की संभावना है। उनकी नेतृत्व क्षमता, सतर्कता और तकनीकी ज्ञान से यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी और रेलवे के विकास कार्यों में तेजी आएगी। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि वे अपनी नई जिम्मेदारियों को कितनी कुशलता से निभाते हैं।
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