करण भूषण आज होते डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष परन्तु महिला पहलवानों ने ऐसा होने नहीं दिया
बृजभूषण शरण सिंह 2023 में,अपना अधिकतम 12 वर्ष का कार्यकाल पूरा करते, इसके पहले वह करण भूषण सिंह को,अपनी कुर्सी सौंपने के लिए,उन्हें डब्ल्यूएफआई का उपाध्यक्ष बनवा दिया था। लेकिन महिला पहलवानों के आरोपों,और उनकी जिद के चलते,उन्हें हटना पड़ा।
अनिल बाजपेयी
सीईओ एंड ग्रुप एडिटर
Vishva Bharti : Loksabha Election 2024 : Editor Pic : “करण भूषण आज होते डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष, परन्तु महिला पहलवानों ने, ऐसा होने नहीं दिया,बृजभूषण शरण सिंह 2023 में,अपना अधिकतम 12 वर्ष का कार्यकाल पूरा करते, इसके पहले वह करण भूषण सिंह को,अपनी कुर्सी सौंपने के लिए,उन्हें डब्ल्यूएफआई का उपाध्यक्ष बनवा दिया था। लेकिन महिला पहलवानों के आरोपों,और उनकी जिद के चलते,उन्हें हटना पड़ा।
“करण भूषण आज होते डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष, परन्तु महिला पहलवानों ने, ऐसा होने नहीं दिया
करण भूषण आज होते डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष, परन्तु महिला पहलवानों ने कहा था कि, बृजभूषण के परिवार का कोई सदस्य, डब्ल्यूएफआई के मतदाता सूची में,नहीं होना चाहिए। महिला पहलवानों के एतराज के बाद, करण भूषण सिंह,और उनके दामाद विशाल सिंह का नाम इस सूची से, हटा दिया गया।
इसी वर्ष फरवरी महीने में बृजभूषण ने, अपने छोटे बेटे,करण भूषण सिंह को,यूपी कुश्ती संघ का अध्यक्ष,बनवाने में सफलता हासिल कर ली। और अब उन्हें,कैसरगंज लोकसभा सीट से, बीजेपी का टिकट भी मिल गया है। करण यदि चुनाव जीतने में सफल हो जाते हैं, तो उन्हें अपने पिता की विरासत को संभालने का, सफल मौका मिल जाएगा।
बीजेपी ने, कैसरगंज सांसद बृजभूषण शरण सिंह,का टिकट काट दिया है।और उनके छोटे बेटे करण भूषण सिंह को उनकी जगह पर, टिकट दिया है। जबकि इसी वर्ष फरवरी महीने में,करण को यूपी कुश्ती संघ का अध्यक्ष बनाया गया था।इस तरह बृजभूषण ने,अपनी राजनीतिक विरासत को बचाते हुए,उसे अपने छोटे बेटे करण को,सौंपने में सफलता पा ली है।
बृजभूषण शरण सिंह,महासंघ के नियमों के अनुसार,अपना 12 वर्ष का कार्यकाल, 2023 में पूरा कर लेते,इसके पहले वह करण को, डब्ल्यूएफआई का अध्यक्ष बनाना चाहते थे। उन्होंने अपनी योजना में,आधी सफलता भी प्राप्त कर ली थी। जब उन्होंने करण को, एक साल पूर्व,भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) का,उपाध्यक्ष बनवा दिया था।
महिला पहलवानों ने,यौन उत्पीड़न का आरोप लगाकर,बृजभूषण शरण सिंह को,उनके पद से हटने पर,मजबूर कर दिया,और लोकसभा के टिकट से भी,उनका पत्ता साफ करा दिया। महिला पहलवानों की मांग थी कि,भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) मे, बृजभूषण के परिवार का कोई सदस्य, नहीं होना चाहिए।
महिला पहलवानों के दबाव में,उनके बेटे करण, और उनके दामाद विशाल सिंह को, डब्ल्यूएफआई के मतदाता सूची से हटा दिया गया,लेकिन पिछले दिनों 11 फरवरी को,नंदिनी नगर में, यूपी रेसलिंग एसोसिएशन की, वार्षिक साधारण सभा की बैठक हुई। इसमें नई कमेटी के गठन की, चुनावी प्रक्रिया पूरी की गई।इसमें कारण भूषण सिंह को,उत्तर प्रदेश कुश्ती संघ का अध्यक्ष,सर्व समिति से चुन लिया गया।
यूपी कुश्ती संघ के अध्यक्ष की चुनावी प्रक्रिया, पूर्व न्यायाधीश,डब्ल्यूएफआई,एवं ओलंपिक के नामित सदस्यों ने संपन्न कराया।भारतीय कुश्ती संघ के लिए,बनाए गए खेल नियमों के अनुसार, यहां की कुर्सी प्राप्त करने के लिए, किसी भी राज्य कुश्ती संघ में पदाधिकारी, अथवा सदस्य होना आवश्यक है।
करण भूषण सिंह,डबल ट्रैप शूटिंग में,नेशनल स्तर के खिलाड़ी रहे हैं।अपने पिता बृजभूषण शरण सिंह की तरह,उनकी भी खेलों में बहुत गहरी रुचि है।वह राष्ट्रीय खेलों में,कुश्ती, बैडमिंटन,और फुटबॉल के बड़े खिलाड़ी हैं।और डबल ट्रैप शूटिंग में,नेशनल स्तर पर,काफी प्रसिद्धि हासिल की है।
करण को राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय से,एलएलबी की डिग्री मिली है। करण की पत्नी नेहा सिंह,इंदिरा पुरवा पब्लिक स्कूल की प्रबंधक है।और उनका बेटा अमर्थय भूषण सिंह नौ वर्ष,एवं बेटी कामाक्षी सिंह 11 वर्ष है।
करण भूषण सिंह को,कैसरगंज से बीजेपी का लोकसभा टिकट मिलने पर, मुख्य विपक्षी दलों, कांग्रेस,सपा, बसपा,और आम आदमी पार्टी ने,इसे महिला पहलवानों का अपमान बताया है।और इन दलों के नेताओं ने,भाजपा पर तंज कसते हुए,पीएम नरेंद्र मोदी से, महिलाओं से माफी मांगने की मांग की है। कांग्रेस के बड़े नेता,प्रमोद तिवारी ने कहा है कि, बीजेपी कहती कुछ है,और करती कुछ है। इसके कथनी और करनी में,बड़ा अंतर है।