- हरियाणा के पंचकूला में एक ही कार में तीन पीढ़ियों ने की आत्महत्या, देहरादून से कथा सुनने आए थे परिवार के सात सदस्य
- बागेश्वर धाम की कथा सुनने पहुंचे देहरादून के परिवार ने की सामूहिक आत्महत्या, कार के अंदर मिला सुसाइड नोट, कर्ज से परेशान था पूरा परिवार
आयुष पांडेय : पंचकूला : हरियाणा। हरियाणा के पंचकूला से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसे सुनकर किसी का भी दिल दहल जाए। एक ही कार में तीन पीढ़ियों ने ज़हर खाकर खुदकुशी कर ली। ये सभी लोग उत्तराखंड के देहरादून से आए थे और बागेश्वर धाम के बाबा धीरेंद्र शास्त्री की हनुमंत कथा में शामिल होने आए थे। शुरुआती जांच में सामने आया है कि पूरा परिवार कर्ज में डूबा हुआ था और आर्थिक संकट के चलते ये खौफनाक कदम उठाया गया। कार के अंदर मिला सुसाइड नोट इस बात की तस्दीक करता है।

हरियाणा के पंचकूला सेक्टर-27 स्थित एक पार्क में खड़ी एक कार से सोमवार रात उस वक्त सनसनी फैल गई जब वहां एक ही परिवार के सात लोगों की लाशें मिलीं। ये परिवार देहरादून का रहने वाला था और पंचकूला में चल रही बागेश्वर धाम की हनुमंत कथा में भाग लेने आया था।
रात करीब 10 बजे जब कुछ स्थानीय लोगों ने पार्क में लंबे समय से खड़ी कार को देखा तो शक हुआ। उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने जब कार के अंदर झांका तो नजारा देखकर हैरान रह गई। कार के अंदर दो बुजुर्ग, एक दंपति और उनके तीन बच्चे बेसुध हालत में पड़े हुए थे।
परिवार की पहचान और आत्महत्या का कारण
पुलिस की शुरुआती जांच के मुताबिक मृतक परिवार की पहचान देहरादून निवासी प्रवीण मित्तल और उनके परिजनों के रूप में हुई है। बताया जा रहा है कि प्रवीण मित्तल ने कुछ समय पहले देहरादून में टूर एंड ट्रैवल्स का बिजनेस शुरू किया था, लेकिन वह सफल नहीं हो पाया और उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ा।
इसके बाद परिवार पर कर्ज का बोझ बढ़ता चला गया और इसी मानसिक तनाव में उन्होंने सामूहिक आत्महत्या जैसा खौफनाक कदम उठा लिया। कार से एक सुसाइड नोट भी मिला है जिसमें कर्ज और आर्थिक तंगी का जिक्र है।
सात लोगों की मौत में कौन-कौन शामिल?
मृतकों में तीन पीढ़ियों के सदस्य शामिल हैं जिनमें प्रवीण मित्तल (पति), उनकी पत्नी, उनके तीन बच्चे और परिवार के दो बुजुर्ग सदस्य (संभावित माता-पिता या सास-ससुर) हैं।
पुलिस और प्रशासन मौके पर
घटना की सूचना मिलते ही डीसीपी हिमाद्रि कौशिक और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे। सभी शवों को पंचकूला के निजी अस्पताल के शवगृह में रखवाया गया है। पुलिस अब फॉरेंसिक जांच और सुसाइड नोट की बारीकी से जांच कर रही है।
आत्महत्या या मजबूरी? सवाल उठ रहे हैं…
यह घटना कई सवाल खड़े कर रही है। क्या एक पूरा परिवार सिर्फ कर्ज की वजह से इस हद तक टूट गया था कि उसने सामूहिक रूप से आत्महत्या कर ली? क्या इस समाज में आर्थिक संकट से जूझ रहे परिवारों के लिए कोई वास्तविक सहारा नहीं है?
स्थानीय लोगों में मातम का माहौल
पंचकूला की इस घटना से स्थानीय लोग बेहद सदमे में हैं। वहीं देहरादून में मित्तल परिवार के पड़ोसी और जानने वाले भी स्तब्ध हैं। एक धार्मिक यात्रा पर आए इस परिवार के साथ ऐसा दुखद अंत किसी ने नहीं सोचा था।